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पटनायक की रणनीति है या मजबूरी?

Naveen Patnaik

Naveen Patnaik: नवीन पटनायक अब खुल कर विपक्ष की राजनीति में उतरे हैं। वे अब तक भाजपा के प्रति सद्भाव दिखाते रहे हैं और चूंकि 24 साल से लगातार लोकसभा और विधानसभा का चुनाव जीत रहे थे तो कभी चुनाव आयोग या ईवीएम पर भी सवाल उठाने की जरुरत नहीं पड़ी थी।

लेकिन पहली हार के बाद ही उनको लगा है कि विपक्ष की राजनीति करनी होगी। अपने राजनीतिक जीवन में संभवतः पहली बार वे इस तरह से विपक्ष की राजनीति में उतरे हैं।(Naveen Patnaik)

उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाया है और बैलेट से चुनाव कराने की मांग का समर्थन किया है। गौरतलब है कि उनकी पार्टी चुनावी गड़बड़ियों की कई शिकायतें चुनाव आयोग से कर चुकी है।

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चुनाव आयोग ने अभी तक तक उनकी शिकायतों का जवाब नहीं दिया है। उनकी पार्टी बीजू जनता दल की शिकायतें बहुत गंभीर और वस्तुनिष्ठ हैं।

उन्होंने डाले गए और गिने गए वोट के फर्क के आंकड़े दिए हैं। लोकसभा और विधानसभा के मतदान के अंतर का मुद्दा उठाया है और शाम पांच बजे के बाद वोटों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी का भी मुद्दा बनाया है।

उन्होंने कहा है कि कई सीटों पर शाम पांच बजे जो आंकड़ा दिया गया था उससे 30 फीसदी ज्यादा मतदान का अंतिम आंकड़ा आया। उनके हिसाब से यह संभव नहीं है।

तभी उनकी पार्टी ने कहा है कि या तो ईवीएम में गड़बड़ी है या मैनुअल गड़बड़ी है या पूरी चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी है या तीनों में कुछ कुछ गड़बड़ी है।

जाहिर है चुनाव आयोग उनकी शिकायतें भी खारिज करेगा। लेकिन ऐसा लग रहा है कि एक रणनीति के तहत वे चुनाव आयोग के खिलाफ अभियान में विपक्ष के साथ जुड़ने को तैयार हैं। अगर कांग्रेस राजी नहीं होती है तब भी कांग्रेस विरोधी कई पार्टियां हैं, जो उनका स्वागत करेंगी।

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