Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

सीपीएम को सोरोस पर चर्चा से परहेज नहीं

यह सबको पता है कि सीपीआई और सीपीएम एक गठबंधन में हैं लेकिन दोनों के बीच पिछले कुछ समय से बहुत तनाव है। यह भी सबको पता है कि सीपीएम विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल है, जिसकी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है लेकिन सीपीएम को कांग्रेस विरोध से परहेज नहीं है। तभी संसद के शीतकालीन सत्र में दिलचस्प राजनीति देखने को मिल रही है। कांग्रेस पार्टी मांग कर रही है कि संसद में अडानी के मसले पर चर्चा हो। इस मसले पर वह लगातार दोनों सदनों की कार्यवाही ठप्प कर रही है। इसकी काट में भारतीय जनता पार्टी ने अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस की संस्था की फंडिंग का मुद्दा उठाया और दावा किया है कि भारत विरोधी गतिविधियों के लिए उनकी संस्था फंडिंग करती है और उसका लाभ कांग्रेस को भी मिलता है।

Also Read: राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

इस दावे के आधार पर भाजपा चाहती है कि जॉर्ज सोरोस की फंडिंग के मामले में संसद में चर्चा हो। हैरानी की बात है कि सीपीएम ने इसका समर्थन किया है। सीपीआई ने सोरोस पर चर्चा का विरोध किया है लेकिन सीपीएम ने कहा है कि उसे इस पर ऐतराज नहीं है। जाहिर है कि सीताराम येचुरी के निधन के बाद वक्ती तौर पर सीपीएम का कामकाज संभाल रहे प्रकाश करात ने केरल के विधानसभा चुनाव के लिए अभी से पोजिशनिंग शुरू कर दी है।

केरल में मई 2026 में चुनाव होना है और वहां सीधा मुकाबला कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ के बीच है। वहां हर पांच साल पर सत्ता बदलने का इतिहास रहा था लेकिन 2021 में सीपीएम लगातार दूसरी बार चुनाव जीत गई। इस बार उसको ज्यादा मेहनत करने की जरुरत होगी। लोकसभा में लगातार दूसरी बार कांग्रेस की जीत के बाद से सीपीएम को अपना इकलौता गढ़ बचाने की चिंता सता रही है। तभी उसने अभी से कांग्रेस विरोध का रुख अख्तियार किया है।

Exit mobile version