भारतीय जनता पार्टी बिहार के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश या गुजरात स्टाइल में ध्रुवीकऱण की राजनीति साधना चाहती है। हालांकि, नीतीश कुमार अब तक इस तरह की राजनीति का विरोध करते रहे हैं लेकिन ऐसा लग रहा है कि नीतीश को भी भाजपा ने इस राजनीति में शामिल कर लिया है। अभी तक कहा नहीं गया है लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि 80 और 20 का चुनाव बनाने का प्रयास बिहार में भी हो रहा है। पिछले दिनों नीतीश कुमार मुस्लिमों के एक बड़े इदारे इमारत ए शरिया के कार्यक्रम में गए थे, जहां उन्होंने मौलानाओं के पहनने वाली टोपी पहनाई गई तो नीतीश ने उसे पहनने से इनकार कर दिया और अपने सिर पर टोपी रखे जाने से पहले उसे हाथ में लेकर अपनी सरकार के मंत्री जमा खां को पहना दिया। यह बिल्कुल गुजरात में नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए इनकार की तरह था। मोदी ने भी मुस्लिम टोपी पहनने से इनकार किया था।
सोचें, नीतीश कुमार ने कभी हिंदू मुस्लिम राजनीति नहीं की। वे मुख्यमंत्री आवास में इफ्तार की दावत देते थे और मुस्लिम टोपी भी पहनते थे। उन्होंने हज हाउस से लेकर शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए जमीन दी और उनका निर्माण कराया। लेकिन अब वे मुस्लिम टोपी नहीं पहन रहे हैं। दूसरी ओर वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव दोनों मुंगेर के एक अहम मुस्लिम इदारे में गए। खनखाह रहमानी में गए। दोनों ने नीचे बैठ कर फोटो खिंचवाई और इदारे की ओर से एक तस्वीर जारी की गई, जिसमें बिल्कुल इसी अंदाज में राजीव गांधी वहां के मौलाना के साथ बैठे थे।