Bihar

  • बिहार की तर्ज पर पूरे देश में एसआईआर

    नई दिल्ली। बिहार की तर्ज पर पूरे देश में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर होगा। चुनाव आयोग ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। आयोग ने बताया कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण में ज्यादातर राज्यों में आधे से ज्यादा मतदाताओं को किसी प्रकार का दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि उनके नाम पिछली बार हुए एसआईआर के बाद बने मतदाता सूची में शामिल हैं। गौरतलब है कि ज्यादातर राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया 2002 से 2004 के बीच हो गई थी। चुनाव आयोग ने बताया है कि जिन लोगों के नाम पिछली बार हुए एसआईआर के बाद...

  • बिहार के एसआईआर का फैसला देश पर लागू होगा

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को लेकर दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई की और कहा कि बिहार में हुए एसआईआर को लेकर उसका जो भी फैसला होगा वह पूरे देश में होने वाले एसआईआर पर लागू होगा। गौरतलब है कि चुनाव आय़ोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि एसआईआर पर अदालत उसे निर्देश न दे। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह भी कहा कि अगर बिहार के एसआईआर में गड़बड़ी मिली तो वह पूरी प्रक्रिया को रद्द कर देगा। अदालत ने भरोसा दिलाया कि यह काम उसकी...

  • बिहार : नीतिश कैबिनेट ने 25 प्रस्तावों पर लगाई मुहर

    पटना। बिहार सरकार ने राजस्व और भूमि सुधार के क्षेत्रीय कार्यालयों में 3,303 अतिरिक्त राजस्व कर्मचारियों की नियुक्ति का फैसला लिया है। बिहार मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 25 एजेंडों पर मुहर लगाई गई। बैठक में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। प्रदेश में सेविका को अब 9,000 रुपए और सहायिका को 4,500 रुपए मासिक मानदेय मिलेगा। इस बढ़ोतरी के लिए सरकार ने 345 करोड़ 19 लाख रुपए की स्वीकृति...

  • अचानक जन्म प्रमाणपत्र बनवाने की होड़

    यह कमाल की परिघटना है, जो अभी ओडिशा और बिहार में नजर आ रही है। बाकी राज्यों में भी हो सकता है कि दिखाई दे। बिहार और ओडिशा दोनों राज्यों में अचानक जन्म प्रमाणपत्र बनवाने या पहले से बने हुए जन्म प्रमाणपत्र में सुधार करवाने की होड़ शुरू हो गई है। यह भी मजेदार है कि लोग नए जन्म प्रमाणपत्र में अपनी उम्र ज्यादा लिखा रहे हैं। असल में बिहार में पहले तो जन्म प्रमाणपत्र की होड़ मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की वजह से शुरू हुई लेकिन जब नीतीश कुमार की सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन बढ़ा कर  तीन...

  • बिहार में उत्तर प्रदेश स्टाइल में ध्रुवीकरण

    भारतीय जनता पार्टी बिहार के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश या गुजरात स्टाइल में ध्रुवीकऱण की राजनीति साधना चाहती है। हालांकि, नीतीश कुमार अब तक इस तरह की राजनीति का विरोध करते रहे हैं लेकिन ऐसा लग रहा है कि नीतीश को भी भाजपा ने इस राजनीति में शामिल कर लिया है। अभी तक कहा नहीं गया है लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि 80 और 20 का चुनाव बनाने का प्रयास बिहार में भी हो रहा है। पिछले दिनों नीतीश कुमार मुस्लिमों के एक बड़े इदारे इमारत ए शरिया के कार्यक्रम में गए थे, जहां उन्होंने मौलानाओं के...

  • स्टालिन और रेवंत से बिहार में क्या फायदा?

    बिहार में चल रही राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में बुधवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन शामिल हुए। उससे एक दिन पहले मंगलवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी शामिल हुए थे। उससे पहले कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार अपने विशेष विमान से बिहार पहुंचे थे। अब सवाल है कि दक्षिण भारत के बड़े बड़े नेताओं को बिहार में उतार कर कांग्रेस क्या फायदा लेना चाहती है? क्या इन नेताओं से बिहार में कांग्रेस के वोट बढ़ेंगे? इस बात की कोई संभावना नहीं है कि इन नेताओं से वोट बढ़ेंगे। उलटे स्टालिन और रेवंत रेड्डी की वजह...

  • बिहार में चुनाव नहीं टलने जा रहा है

    इन अटकलों का कोई मतलब नहीं है कि बिहार में विधानसभा चुनाव टल सकता है। विपक्षी पार्टियों के कई नेता और सोशल मीडिया में उनका इकोसिस्टम इसका प्रचार कर रहा है कि चुनाव आयोग की ओर से जारी मसौदा मतदाता सूची की कमियां एक एक करके बाहर आ रही हैं और अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 65 लाख नामों वाली सूची भी जारी हो गई है, जिनके नाम काटे गए थे। इसमें से और भी कमियां निकलेंगी। कहा जा रहा है कि इसके बाद चुनाव आयोग सबको ठीक करके अंतिम सूची समय पर नहीं प्रकाशित कर पाएगा और इस...

  • कितने घुसपैठियों के नाम डिलीट हुए हैं?

    बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। विपक्षी पार्टियां संसद नहीं चलने दे रही हैं और उधर राहुल गांधी व तेजस्वी यादव बिहार में इसके खिलाफ यात्रा कर रहे हैं। इस बीच सत्तापक्ष की ओर से दावा किया जा रहा है कि विपक्षी पार्टियां घुसपैठियों के दम पर चुनाव जीतना चाहती हैं इसलिए वे एसआईआर का विरोध कर रही हैं। भाजपा के कई प्रवक्ताओं ने दिल्ली में यह दावा किया। बिहार और दूसरे राज्यों के बड़े नेता तो यह दावा कर ही रहे हैं। इससे ऐसा लग रहा...

  • आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं

    नई दिल्ली। बिहार की मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर सुनवाई के दौरान सप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग का आधार कार्ड को नागरिकता का निर्णायक प्रमाण नहीं मानना बिल्कुल सही है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह भी साफ किया कि यह तर्क मान्य नहीं कि बिहार के लोगों के पास आयोग द्वारा मांगे गए अधिकांश दस्तावेज़ मौजूद नहीं थे। अदालत ने कहा — “इस विवाद की जड़ में विश्वास की कमी है, और यह ‘काफी हद तक गलती है और कुछ नहीं।’” मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल,...

  • बिहार भाजपा में अंदरखाने बड़ा घमासान

    बिहार में भारतीय जनता पार्टी के अंदर बड़ा घमासान छिड़ा है। ऐसा लग रहा है कि सारे नेता चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद की अपनी दावेदारी पुख्ता करने में लगे हैं और इसके लिए वे अपने संभावित प्रतिद्वंद्वी को निपटा रहे हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को खुलासा करने के लिए न तो इतनी सामग्री मिलती और न इतनी सुविधा मिलती। वे एक एक करके भाजपा के प्रदेश नेताओं के बारे में सच्चे झूठे खुलासे कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के मेडिकल कॉलेज की कथित पोल खोली और...

  • बिहार मतदाता प्रारूप प्रकाशन के नौ दिन, राजनीतिक दल ने नहीं दर्ज कराई आपत्ति

    पटना। बिहार मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन के 9 दिन हो गए हैं। चुनाव आयोग ने शनिवार को दावा किया कि अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने इसे लेकर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है। बिहार मतदाता सूची के प्रारूप को 1 अगस्त को जारी किया गया था। अब इसे 9 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने इस पर आपत्ति नहीं जताई है। चुनाव आयोग बार-बार कह रहा है कि बिहार की अंतिम मतदाता सूची में कोई भी योग्य मतदाता छूटने ना पाए और कोई भी अयोग्य मतदाता जुड़ने न पाए। 1 अगस्त...

  • हटाए गए नाम बताने का बेवजह दबाव

    विपक्षी पार्टियां और चुनाव से जुड़ी गैर सरकारी संस्थाएं चुनाव आय़ोग पर बेवजह दबाव बना रही हैं। एसआईआर की गड़बड़ियों के बारे में सवाल उठाना अलग बात है। लेकिन इसका कोई औचित्य नहीं है कि चुनाव आयोग ने 65 लाख से ज्यादा जो नाम बिहार की मतदाता सूची से हटाए हैं उनकी एक सूची प्रकाशित की जाए। विपक्ष चाहता है और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि चुनाव आयोग को हटाए गए नामों की सूची मतदान केंद्र की संख्या के हिसाब से जारी करना चाहिए। कहा जा रहा है कि अगर ऐसा नहीं...

  • तमिल नेताओं का बिहार विरोध

    तमिलनाडु के नेताओं का बिहार विरोध समझ से परे है। एक तरफ तमिलनाडु के नेता प्रदेश में इस बात पर हंगामा खड़ा कर रहे हैं कि प्रवासी मजदूरों को उनके यहां मतदाता क्यों बनाया जा रहा है तो दूसरी ओर तमिलनाडु के नेता दिल्ली में भी इसका मुद्दा बनाए हुए हैं। कांग्रेस के बड़े नेता और देश के वित्त व गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने इसे मुद्दा बनाया है। चिदंबरम ने रविवार को इस बारे में विस्तार से सोशल मीडिया पोस्ट लिखा। उन्होंने तमिलनाडु में साढ़े छह लाख बिहारी मतदाता जोड़े जाने को मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण...

  • बिहार में दलित वोट की राजनीति तेज हुई

    बिहार में पिछले साढ़े तीन दशक से पिछड़ा राजनीति होती रही है। लालू प्रसाद और नीतीश कुमार बिहार की राजनीति का चेहरा रहे हैं। साढ़े तीन दशक में पहली बार ऐसा हो रहा है कि बिहार में दलित राजनीति जोर मार रही है और साथ ही अगड़ी जातियां भी अपनी पोजिशनिंग कर रही हैं। प्रशांत किशोर के जन सुराज पार्टी बना कर मैदान में उतरने से सभी पार्टियों के अंदर अगड़ी जातियों के नेताओं की पूछ बढ़ी है तो दूसरी ओर 20 फीसदी दलित वोट के लिए भी पार्टियों के भीतर घमासान छिड़ा है। चिराग पासवान ने विधानसभा का चुनाव...

  • बिहार में मतदाता सूची का मसौदा जारी

    नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची का मसौदा जारी कर दिया गया है। शुक्रवार को चुनाव आयोग ने इसे जारी किया और लोगों से अपनी आपत्तियां दर्ज कराने को कहा। बताया गया है कि चुनाव आयोग ने अपने अधिकारियों को लगाया है कि वे आम मतदाताओं की मदद करें ताकि उन्हें जरूरी दस्तावेज हासिल हो सकें। बहरहाल, आयोग ने शुक्रवार को सभी 38 जिलों के कलेक्टरों और राजनीतिक पार्टियों से मतदाता सूची का मसौदा साझा किया। मसौदा मतदाता सूची चुनाव आयोग की वेबसाइट पर डाल दी गई है। लोग इसमें अपना नाम ...

  • पटना मे डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन

    बिहार में डोमिसाइल (स्थानीय निवासी प्रमाण) नीति को लागू करने की मांग को लेकर छात्र एक बार फिर सड़क पर उतर आए हैं। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने 'डोमिसाइल नहीं तो वोट नहीं' का नारा बुलंद किया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार डोमिसाइल नीति लागू नहीं करती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।   छात्र नेता दिलीप कुमार ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा बिहार में भी अन्य राज्यों की तरह डोमिसाइल नीति लागू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा देश के कई राज्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डोमिसाइल नीति लागू है। वहां स्थानीय...

  • बिहार में विपक्ष की बड़ी तैयारी

    एक तरफ चुनाव आयोग तैयारी कर रहा है और दूसरी ओर बिहार में विपक्षी पार्टियां तैयारी कर रही हैं। चुनाव आयोग एक अगस्त को मतदाता सूची का मसौदा दस्तावेज जारी करेगा और विपक्ष की तैयारी उसमें कमी खोजने की है। अगर दस्तावेजों की कमी के आधार पर काम कटते हैं तो विपक्ष सड़क पर उतरेगा। सिर्फ कानूनी लड़ाई की तैयारी नहीं है, बल्कि सड़क पर बड़े आंदोलन की तैयारी है। विपक्ष के एक बड़े नेता ने पटना में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में अंदाजा जाहिर किया कि एक करोड़ से ज्यादा नाम काटने की तैयारी है। महागठबंधन के एक...

  • बिहार मतदाता सूची पर सुप्रीम कोर्ट से राहत

    नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को बिहार में मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि वह मामले में स्थायी निपटारा करेगी और 29 जुलाई को सुनवाई की रूपरेखा तय की जाएगी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि “हम अब कोई अंतरिम आदेश नहीं देंगे। हम पूरे मामले का अंतिम निर्णय देंगे।” गैर-सरकारी संगठन (NGO) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने दलील दी कि मसौदा सूची पर फिलहाल रोक लगाई जानी चाहिए ताकि बिना जांच-पड़ताल के लोगों को सूची से न हटाया जाए। उन्होंने...

  • बिहार में एसआईआर का तमाशा जारी है

    बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का पहला चरण पूरा हो गया है। चुनाव आयोग का दावा है कि सात करोड़ 23 लाख से कुछ ज्यादा लोगों ने मतगणना प्रपत्र भर कर जमा करा दिए हैं। यह भी कहा गया है कि एक अगस्त को जो मसौदा मतदाता सूची जारी होगी उसमें 65 लाख नाम नहीं होंगे। जिनके नाम नहीं होंगे उनको तीन श्रेणियों में बांटा गया है। एक श्रेणी उन लोगों की है, जिनका निधन हो चुका है, दूसरी श्रेणी उनकी है जो स्थायी रूप से बिहार से बाहर चले गए हैं और तीसरी श्रेणी...

  • चिंताजनक है अविश्वास

    मुद्दा यह नहीं है कि एसआईआर जरूरी है या नहीं, अथवा इसे ठीक ढंग से किया जा रहा है या नहीं। मुद्दा यह है कि क्या इसमें सबका भरोसा है? निर्वाचन आयोग ने सबका भरोसा हासिल करने का दायित्व ठीक ढंग से नहीं निभाया है। बिहार में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पूरा होने के साथ ही निर्वाचन आयोग ने सारे देश में ये प्रक्रिया संपन्न कराने की घोषणा की है। इस क्रम में उसने विपक्ष के विरोध को सिरे से नजरअंदाज कर दिया है। आयोग का यह तर्क अपनी जगह सही हो सकता है कि मृत व्यक्तियों, या...

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