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अचानक जन्म प्रमाणपत्र बनवाने की होड़

यह कमाल की परिघटना है, जो अभी ओडिशा और बिहार में नजर आ रही है। बाकी राज्यों में भी हो सकता है कि दिखाई दे। बिहार और ओडिशा दोनों राज्यों में अचानक जन्म प्रमाणपत्र बनवाने या पहले से बने हुए जन्म प्रमाणपत्र में सुधार करवाने की होड़ शुरू हो गई है। यह भी मजेदार है कि लोग नए जन्म प्रमाणपत्र में अपनी उम्र ज्यादा लिखा रहे हैं। असल में बिहार में पहले तो जन्म प्रमाणपत्र की होड़ मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की वजह से शुरू हुई लेकिन जब नीतीश कुमार की सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन बढ़ा कर  तीन गुना कर दिया तो उस वजह से भी होड़ शुरू हो गई।

असल में बिहार में पहले सिर्फ चार सौ रुपए वृद्धावस्था पेंशन मिलती थी। लेकिन नीतीश कुमार की सरकार ने इसे बढ़ा कर 11 सौ रुपया महीना कर दिया। सो, जितने लोग सरकारी या किसी निजी सेक्टर में नौकरी नहीं कर रहे है उनमें पेंशन का आवेदन करने की होड़ मच गई। इसी क्रम में बड़ी संख्या में जन्म प्रमाणपत्र में सुधार के आवेदन पहुंचने लगे। जिन लोगों की उम्र 60 से दो तीन साल कम थी, ऐसे लोग उम्र बढ़वा कर 60 करा रहे हैं ताकि 11 सौ रुपए पेंशन के लिए आवेदन कर सकें। ओडिशा में भी इसी तरह का मामला है। वहां 80 साल या उससे ऊपर के बुजुर्गों को साढ़े तीन हजार रुपए महीने की पेंशन मिलने लगी है। सो, वहां उम्र बढ़वा कर 80 साल कराने की होड़ मची है।

By NI Political Desk

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