Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

अकाली दल उपचुनाव नहीं लड़ रहा है

पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। इस बार अकाली दल ने उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। कोई तीन दशक से ज्यादा समय बाद ऐसा हुआ है कि अकाली दल उपचुनाव नहीं लड़ रहा है। पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से कहा गया है कि अकाल तख्त ने पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया है और राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने की सजा दी है। इसलिए जब तक वे सजा नहीं भुगत लेते हैं तब तक राजनीति से दूर रहेंगे इसलिए पार्टी भी चुनाव नहीं लड़ेगी। हालांकि पार्टी चुनाव लड़ सकती थी। हरसिमरत कौर बादल प्रचार भी संभाल सकती थीं लेकिन अकाल तख्त की सजा के बहाने सुखबीर बादल ने पार्टी को चुनाव से दूर रखा है।

लंबे समय में पार्टी को इसका क्या फायदा होगा यह नहीं कहा जा सकता है लेकिन अकाली दल के चुनाव नहीं लड़ने का तात्कालिक फायदा मनप्रीत बादल को हो सकता है। गौरतलब है कि मनप्रीत बादल और सुखबीर बादल चचेरे भाई हैं। मनप्रीत पहले प्रकाश सिंह बादल की सरकार में मंत्री रहे थे। उसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई। फिर वे कांग्रेस में गए और अब भारतीय जनता पार्टी में हैं। भाजपा ने उनको बादल परिवार की पारंपरिक सीट रही गिद्दड़बाह से उम्मीदवार बनाया है। पिछले दो चुनावों में अकाली दल इस सीट पर दूसरे स्थान पर रही थी। दूसरे स्थान पर रहे उसके उम्मीदवार हरदीप सिंह डिम्पी ढिल्लों इस बार आम आदमी पार्टी की टिकट से लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह राजा वारिंग की पत्नी अमृता वारिंग को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में मनप्रीत बादल के लिए इस सीट पर मौका बन सकता है। वे पंजाब में भाजपा की सीटों की संख्या तीन पहुंचा सकते हैं यानी अकाली दल के बराबर।

Exit mobile version