पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं। कहा गया कि उनका पल्स रेट कम हो गया था। हो सकता है कि सच में उनकी सेहत ठीक नहीं हो लेकिन कई जानकार नेता उनकी बीमारी को राजनीतिक मान रहे हैं। उन्होंने आठ सितंबर को अस्पताल में ही कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। इसके एक दिन बाद नौ सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पंजाब का दौरा करना था। तभी कहा जा रहा है कि वे जान बूझकर ऐसे समय अस्पताल में भर्ती होने गए, जब प्रधानमंत्री का दौरा होना था। इसका मकसद प्रधानमंत्री से दूरी बनाना था। ध्यान रहे पहले भी प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों में भगवंत मान शामिल नहीं होते थे।
पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पंजाब के दौरे पर गए थे तो उस समय का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे चार पांच लोगों को बुला कर लाने की बात करते दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि कोई भी बाढ़ पीड़ित उनसे मिलने नहीं आया। हालांकि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जरूर किसानों से मिले थे। बताया जा रहा है कि भगवंत मान इसलिए प्रधानमंत्री से नहीं मिलना चाहते थे क्योंकि उनको लग रहा है कि पंजाब के किसानों में भाजपा और केंद्र सरकार को लेकर गुस्सा है और अगर वे प्रधानमंत्री से मिलते तो उन पर भी इसका असर होता। ध्यान रहे हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद सिंह सुक्खू ने ऐसी दूरी नहीं दिखाई। वे प्रधानमंत्री से मिले और उनके राज्य के लिए डेढ़ हजार करोड़ की राहत राशि की घोषणा हुई। पंजाब बड़ा राज्य है और सभी 23 जिले बाढ़ प्रभावित हैं फिर भी वहां के लिए 16 सौ करोड़ दिए गए।
