तमिलनाडु में राज्यपाल आरएन रवि पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट की फटकार और बिना उनके दस्तखत के 10 विधेयकों के कानून बन जाने वाले फैसले के बाद भी वे विवाद पैदा करने की कोशिश में लगे हैं। पता नहीं किसकी शह पर वे यह काम कर रहे हैं लेकिन बताया जा रहा है कि राज्य में भाजपा के नेताओं के साथ साथ सहयोगी पार्टियों के नेता भी उनसे नाराज हैं।
पिछले दिनों मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कुलपतियों और रजिस्ट्रारों को साथ बैठक की थी। इसके बाद रवि ने 25 से 27 अप्रैल तक ऊटी में दो दिन की बैठक बुलाई है। पिछले दिनों वे दिल्ली आए थे और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को उस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया। बताया जा रहा है कि प्रदेश में एनडीए के सारे नेता इससे नाराज हैं।
यहां तक कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी नाराज बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि राज्यपाल की गतिविधियों की वजह से राज्य सरकार के कामकाज पर फोकस नहीं बन पा रहा, जबकि चुनावी साल में ज्यादा जरूरी यह है कि राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया जाए।
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