भारत में (सीजफायर )कितना झूठ और फ्राड हो रहा है इसे यूक्रेन, इजराइल की युद्ध वास्तविकता में समझे। रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई को तीन साल हो गए हैं तो उधर इजराइल व हमास का युद्ध चल रहा है, जिसमें हमास की ओर से प्रॉक्सी के तौर पर यमन के हूती और ईरान की सेना भी शामिल है।
इन दोनों युद्धों में जो कुछ भी हो रहा है वह सबके सामने होता है। रूस की ओर से सीधे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी बात रखते हैं और यूक्रेन की ओर से राष्ट्रपति जेलेंस्की बोलते हैं। कुछ मामलों में प्रवक्ता भी बयान देते हैं।
ऐसे ही इजराइल की ओर से प्रधानमंत्री या रक्षा मंत्री या आईडीएफ के प्रवक्ता बोलते हैं। हमास की ओर से भी उसके आधिकारिक लोग बयान देते हैं। कहीं यह सुनने को नहीं मिलता है कि युद्ध की रणनीति या युद्ध रोकने के फैसले के बारे में सूत्रों के हवाले से खबर आए।
यह सिर्फ भारत में होता है। भारत में युद्ध की रणनीति के बारे में भी सूत्रों के हवाले से बताया गया है और युद्ध रोकने का फैसला हुआ तो उसकी भी पूरी कहानी सूत्रों के हवाले से बताई गई। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा सैन्य अभियान (सीजफायर) रोकना बहुत बड़ा फैसला था लेकिन इसका ऐलान अमेरिका के राष्ट्रपति ने किया।
शनिवार की शाम को पांच बज कर 25 मिनट पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिख कर कहा कि रात भर बात करने और बड़ी मेहनत करने के बाद सीजफायर पर सहमति बनी है।
इसके पांच मिनट के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मार्को रूबियो ने सीजफायर के बारे में जानकारी दी। उसके आधे घंटे के बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 42 सेकेंड की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके बारे में बताया।
सीजफायर की कहानी
उसके बाद पिछले दो दिन से सूत्रों के हवाले से इसकी कहानी बताई जा रही है। सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने कुछ गंभीर इनपुट के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने कह दिया कि पाकिस्तान कोई कार्रवाई करेगा तो भारत उसका बहुत बड़ा (सीजफायर ) जवाब देगा।
इसके बाद सूत्रों के हवाले से कहा गया कि पाकिस्तान के सैन्य महानिदेशक यानी डीजीएमओ ने सुबह साढ़े 10 बजे के करीब भारत के अपने समकक्ष को फोन किया लेकिन वे उस समय किसी मीटिंग में थे तो दोपहर बाद साढ़े तीन बजे बातचीत का फैसला हुआ।
उस बातचीत में पाकिस्तान के डीजीएमओ जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के सामने सीजफायर का प्रस्ताव रखा।
सूत्रों के मुताबिक साढ़े तीन बजे दिन में पाकिस्तान की ओर से दिए गए इस प्रस्ताव के बारे में भारत के डीजीएमओ ने अपने ऊपर के अधिकारियों और राजनीतिक नेतृत्व को सूचना दी और जब तक फैसला होता और उसकी घोषणा होती उसी बीच पाकिस्तान की फीडबैक पर राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया में इसकी घोषणा कर दी।
अब सवाल है कि पाकिस्तान की फीडबैक पर ट्रंप कैसे ऐलान कर सकते हैं? और अगर भारत सीजफायर को नहीं मानता तो ट्रंप की बात का क्या होता?
यह भी सवाल है कि अगर ट्रंप की बात नहीं हुई है और यह भारत व पाकिस्तान के बीच की बात है तो फिर भारत की ओर से सामने आकर कोई क्यों नहीं कह रहा है कि ट्रंप और रूबियो दोनों झूठ बोल रहे हैं? वैसे सूत्र भी खुल कर यह नहीं कह रहे हैं कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं।
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