बिहार की तरह इस बार जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के चुनाव में समूचा लेफ्ट एकजुट है। पिछली बार जेएनयू में छात्र संघ का चुनाव वामपंथी संगठनों ने अलग अलग लड़ा था। सीपीआई माले का संगठन आईसा और सीपीम के एसएफआई के उम्मीदवार अलग अलग थे। हालांकि आईएसा की जीत हो गई थी। लेकिन इस बार पार्टियों ने कोई जोखिम नहीं लिया है। पिछले कुछ समय से जेएनयू में छात्र संघ का चुनाव लड़ रहे राजद ने भी इस बार दूरी बनाई है। उसके सारे नेता बिहार विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। फिर भी इस बार के चुनाव में सात संगठनों के नेता अध्यक्ष पद के लिए लड़ रहे हैं।
आईसा यानी ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के साथ स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन एक साथ लड़ रहे हैं। लेफ्ट यूनिटी की उम्मीदवार अदिति मिश्रा हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विकास पटेल को उम्मीदवार बनाया है, जिनके साथ सीधा मुकाबला होगा। कांग्रेस पार्टी के नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया यानी एनएसयूआई के उम्मीदवार का नाम भी विकास है। इनके अलावा बिरसा अंबेडकर फूले स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने रतन राजोरिया को चुनाव मैदान में उतारा है। मुख्य मुकाबला लेफ्ट यूनिटी और एबीवीपी उम्मीदवार के बीच होगा। लेफ्ट यूनिटी के कारण अदिति मिश्रा का पलड़ा भारी माना जा रहा है।
