Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

तृणमूल ने केरल उपचुनाव को दिलचस्प बनाया

west bengal election

पश्चिम बंगाल में सरकार चला रहीं ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस केरल में चुनाव नहीं लड़ रही है लेकिन उसने केरल की नीलांबुर उपचुनाव को बहुत दिलचस्प बना दिया है। इस सीट पर लेफ्ट फ्रंट के समर्थन से पीवी अनवर निर्दलीय जीते थे। उनके इस्तीफे से यह सीट खाली हुई है। इस बार फिर अनवर निर्दलीय लड़ रहे हैं और समर्थन कर रही है ममता बनर्जी की पार्टी। असल में वे ममता बनर्जी की पार्टी के केरल के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। ममता ने अलग अलग राज्यों में कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के नेताओं के सहारे ही अपनी पार्टी को खड़ा किया है। केरल में पीवी अनवर के कंधे पर पार्टी खड़ी होने की कोशिश कर रही है। ध्यान रहे अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव है, जिसके लिए कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस में गठबंधन की बातचीत होनी है। संभवतः इसलिए अनवर तृणमूल की टिकट पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

पीवी अनवर की वजह से चुनाव बहुत दिलचस्प है। आमतौर पर केरल में एलडीएफ और यूडीएफ में आमने सामने का मुकाबला होता है। भाजपा तीसरा कोण बनाने का प्रयास करती है लेकिन ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई है। इस बार अनवर ने तीसरा कोण बना दिया है। कांग्रेस ने आर्यदन शौकत को उम्मीदवार बनाया है। लेफ्ट मोर्चा ने सीपीएम के एम स्वराज को टिकट दिया है। भाजपा के मोहन जॉर्ज चुनाव लड़ रहे हैं तो एसडीपीआई सादिक को उम्मीदवार बनाया है। इस तरह तीन मुस्लिम उम्मीदवार हैं और भाजपा ने ईसाई उम्मीदवार दिया है। सो, लेफ्ट फ्रंट के लिए रास्ता आसान दिख रहा है। लेकिन अगर मुस्लिम वोट नहीं बंटा तो क्या होगा? कांग्रेस पूरी मेहनत कर रही है कि मुस्लिम वोट उसकी ओर आए। लेकिन अनवर इस क्षेत्र के पुराने नेता हैं और ऊपर से ममता बनर्जी की ओर से पूरा संसाधन झोंका जा रहा है। केरल की वायनाड सीट से कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी प्रचार के लिए गईं। इस सीट के नतीजे से अगले साल के विधानसभा चुनाव का बहुत संकेत मिल जाएगा। मुस्लिम और ईसाई वोट का रूझान भी दिखेगा।

Exit mobile version