पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के सामने एक बड़ा संकट आता दिख रहा है। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा को तोड़ने की कोशिश में हैं। हालांकि इसमें कितनी कामयाबी मिलेगी यह नहीं कहा जा सकता है लेकिन फिलहाल एक नाम ऐसा दिख रहा है, जो अपनी पार्टी से दूरी बनाए हुए है। वह नाम है पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद दिलीप घोष का। वे पिछले कुछ दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे हैं। उनकी नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए और उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में भी नहीं गए। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी 30 मई को अलीपुरद्वार गए थे और उसके बाद अमित शाह दो दिन की यात्रा पहुंचे और कोलकाता में नेताजी इंडोर स्टेडियम में सभा की। दिलीप घोष इन दोनों में नहीं गए।
इसका मुद्दा बना तो दिलीप घोष ने कहा है कि उनको बुलाया नहीं गया था इसलिए वे नहीं गए। असल में पिछले दिनों दिलीप घोष ने 61 साल की उम्र में अपनी पार्टी की एक नेता रिंकू मजूमदार से शादी की। उसके बाद वे कोलकाता के दीघा में बने जगन्नाथ मंदिर भी गए और ममता बनर्जी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि पार्टी नेता ममता बनर्जी से उनकी मुलाकात से नाराज हैं। एक कारण यह भी है कि दिलीप घोष लगातार प्रदेश में भाजपा विधायक दल के नेता सुवेंदु अधिकारी पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने सुवेंदु को बाहरी बताते हुए कहा कि बाहर से नेता लाने के बाद भाजपा कमजोर हो रही है, जबकि उनके नेतृत्व में भाजपा मजबूत हुई थी। जानकार सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ दिन में वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।