विदेश मंत्री एस जयशंकर के मामले में कांग्रेस काफी आगे बढ़ गई है। उसके सर्वोच्च नेता राहुल गांधी ने दो बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सवाल उठाया है और कहा है कि जयशंकर इस बात का जवाब दें कि भारत ने पाकिस्तान को हमले की सूचना दी तो उसका भारतीय सेना को क्या नुकसान हुआ और भारत ने कितने लड़ाकू विमान खोए।
उनका इशारा समझ कर पार्टी और आगे निकल गई। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने जयशंकर को पाकिस्तान का ‘मुखबिर’ और ‘जयचंद’ तक कह दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी जयशंकर पर सवाल उठाया। विदेश मंत्रालय और भारतीय सेना के सैन्य अभियानों के महानिदेशालय यानी डीजीएमओ की और से स्पष्टीकरण देने के बावजूद कांग्रेस इस पर अड़ी है कि विदेश मंत्री बताएं कि भारत को कितना नुकसान हुआ।
जयशंकर को लेकर सियासी घमासान जारी
अब कांग्रेस के एक बड़े नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि वे इस मसले पर विदेश मंत्रालय की ओर से की गई ब्रीफिंग से संतुष्ट हैं। उन्होंने विदेश सचिव विक्रम मिस्री की ब्रीफिंग के बाद मंगलवार को मीडिया के सामने कहा कि छह और सात मई की रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर हमला करने के बाद उसे सूचना दी थी।
उन्होंने यह भी माना कि हमले से पहले सूचना नहीं दी गई थी। सोचें, सलमान खुर्शीद जब मान रहे हैं कि भारत ने पाकिस्तान को सूचना हमले से पहले नहीं दी थी तो क्या राहुल गांधी और उनको प्रवक्ताओं की टीम को यह बात मान पर पीछे नहीं हट जाना चाहिए? लेकिन ऐसा लग रहा है कि राहुल को उनकी टीम ने समझा दिया है कि पीछे नहीं हटना है। उनको लग रहा है कि यह ऐसा मुद्दा है, जिस पर जयशंकर के साथ साथ प्रधानमंत्री मोदी और पूरी सरकार को कठघरे में खड़ा किया जा सकता है।
वे यह भी समझ रहे हैं कि लोग इस पर यकीन कर लेंगे कि भारत ने पाकिस्तान को हमले से पहले सूचना दे दी थी। लेकिन ऐसा नहीं है। सोशल मीडिया में कांग्रेस के समर्थक और उसके इकोसिस्टम के लोग भी इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। वे खुद ही सवाल उठा रहे हैं कि अगर भारत पहले बता देता तो क्या मसूद अजहर का पूरा परिवार मारा जाता?
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