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पीड़ितों से मिले विपक्षी गठबंधन के सांसद

इंफाल। हिंसा प्रभावित मणिपुर के दौरे पर गए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसदों ने अपने दो दिन के दौरे पर के पहले दिन शनिवार को राहत शिविरों में जाकर पीड़ितों से मुलाकात की। विपक्षी सांसद अपने दौरे में राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी मुलाकात करेंगे। इससे पहले शनिवार को राज्यपाल उइके ने भी राहत शिविरों में जाकर पीड़ितों से मुलाकात की। मणिपुर का दौरा कर रहे सांसदों में शामिल कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि केंद्र का दावा है कि राज्य में हालात सुधर गए हैं लेकिन अगर ऐसा है तो लोग राहत शिविरों में क्यों रह रहे हैं। गौरतलब है कि 16 पार्टियों के 21 सांसद राज्य के दौरे पर आए हैं।

सांसदों की टीम में शामिल लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा- हम राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए नहीं, बल्कि मणिपुर के लोगों के दर्द और जमीनी स्थिति को समझने के आए हैं। सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई है। दूसरी ओर विपक्षी सांसदों के दौरे को लेकर भाजपा ने उनको कठघरे में खड़ा किया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को कोलकाता में कहा- गठबंधन के सांसदों को बंगाल और राजस्थान भी जाना चाहिए। अधीर रंजन को सांसदों के साथ बंगाल की स्थिति भी देखनी चाहिए।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के 21 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को दो दिन के दौरे पर मणिपुर पहुंचा। विपक्षी सांसद सबसे पहले हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित इलाके चूराचांदपुर पहुंचे। वहां उन्होंने राहत शिविरों में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। ये सांसद राज्य के लोगों की समस्याएं सुनेंगे और इनके समाधान के लिए उनकी राय भी जानेंगे। बाद में सांसद अपनी राय संसद में रखेंगे। गौरतलब है कि इस समय संसद का मानसून सत्र चल रहा है और विपक्ष ने केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। अगले हफ्ते इस पर चर्चा होगी।

इस बीच मणिपुर दौरे पर आए विपक्षी सांसदों को इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उसने बताया है कि तीन महीने से राज्य में जातीय हिंसा चल रही है। पुलिस से हजारों हथियार लूटे गए हैं। राज्य के इकलौते हाईवे को बंद कर दिया गया है, जिसके चलते सबसे बड़े जिले चूराचांदपुर में रोजमर्रा की चीजों की कमी हो गई है। उन्होंने दावा किया है कि कुकी और मैती में इतनी दूरी बढ़ गई है कि वे एक साथ नहीं आ सकते हैं। इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार से खुद के शासन की अधिकार मांगा है।

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