पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए दो दिन के दौरे पर पटना पहुंची चुनाव आयोग की टीम ने दावा किया है कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का अभियान पूरी तरह से कामयाब रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया। उन्होंने कहा, ‘बिहार में एसआईआर पूरी तरह सफल रहा। मतदाता सूची में यह सबसे बड़ी पहल रही। 24 जून 2025 को एसआईआर शुरू हुआ और वक्त पर समाप्त हुआ। सफल एसआईआर के लिए मतदाताओं को धन्यवाद। अब इसे पूरे देश में कराएंगे’। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने मतदान को लेकर कई बदलाव किए हैं, जिसे बिहार चुनाव में लागू किया जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव से नियमों में एक बड़ा बदलाव यह शुरू हो रहा है कि अब मतदाता बूथ पर मोबाइल फोन ले जा सकेंगे। वहां फोन जमा करने की सुविधा दी जाएगी। अब तक इसकी इजाजत नहीं थी। इसके अलावा एक बड़ा बदलाव यह हो रहा है कि इस बार बिहार विधानसभा के चुनाव में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम में उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीर लगाई जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदान केंद्र से एक सौ मीटर की दूरी पर पार्टियों के एजेंट बैठ सकेंगे।
चुनाव आयोग मतदान केंद्रों की एक सौ प्रतिशत वेबकास्टिंग कराएगा। ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘बीएलओ की पहचान के लिए उनके भी आईडी कार्ड शुरू किए गए हैं’। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार चुनाव के बाद देश के किसी भी बूथ पर 12 सौ से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। नए वोटर कार्ड पर उन्होंने कहा, ‘जिनके वोटर कार्ड के डेटा में कोई परिवर्तन किया गया है, उन्हें 15 दिनों के अंदर नया वोटर कार्ड मिल जाएगा। जिनके पास पुराने वोटर कार्ड हैं और डेटा में कोई बदलाव नहीं है, वह उसी को सही मानेंगे। मतदान करने के लिए बाकी जिन दस्तावेजों को पहले से मान्य रखा गया था, वह आगे भी कायम रहेंगे’।
चुनाव से ऐन पहले एसआईआर कराने के सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘लोक प्रतिनिधित्व कानून के हिसाब से रिवीजन हर चुनाव से पहले कराना ही होता है। किसी का ये कहना कि रिवीजन चुनाव के बाद होना चाहिए ये न्यायसंगत नहीं है’। उन्होंने राजनीतिक दलों से मतदान शुरू होने से पहले अपने पोलिंग एजेंट्स भेजने को कहा ताकि वे मॉक पोल देख सकें। उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता आती है।