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गाजा में बड़ा नरसंहार, बेंजामिन को कुर्सी …

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GAZA, Oct. 8, 2023 (UNI/Xinhua) -- People hold the bodies of children died in an Israeli airstrike in the southern Gaza Strip city of Rafah on Oct. 8, 2023. The death toll from Israeli airstrikes in Gaza has risen to 370, with 2,200 others injured, according to an update from the Gaza-based Health Ministry on Sunday.Meanwhile, death toll from Hamas' surprise attack on Israel has reached 600, Israel's state-owned Kan TV news reported on Sunday. UNI PHOTO-17F

gaza palestine: नाजी अत्यकहर के स्मारक के रूप में औसविज यंत्रणा शिविरों की 80वीं यादगार दिवस में ब्रिटेन के महाराज चार्ल्स और फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुयल और रूस के हमले की मार सह रहे जेलेन्सकी की मौजूदगी ने यहूदियों पर हुए अत्याचार को तो स्मरण कराया परंतु इस्राइल द्वारा फिलिसतिन के गाजा क्षेत्र में अरबों के हुए नरसंहार जिसमें 45,000 लोगों की मौत हुई उसे अनदेखा कर दिया।

कम से कम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान ने तो बर्बाद गाजा क्षेत्र को रियल स्टेट की भांति बताते हुए ट्रम्प ने उस इलाके का विकास पर्यटन के लिए किए जाने की बात कही !

दस लाख से ज्यादा एकतरफा युद्ध की विभीषका से बचे लोगों के दुखों पर नामक छिड़कने जैसा ही हैं।(gaza palestine)

ट्रम्प का यह बयान कि गाजा क्षेत्र के निवासियों को कांही और जा कर बसना चाहिए! यह शब्द उस नेता के हैं जिसने बेहतर जिंदगी की खोज में आए हजारों मेक्सिकन, कॉलम्बियान, पेरू अन्य देशों से आए आप्रवासियों को जबरन उनके देश वापस भेज दिया !

जिस नेता का लँगोटिया यार दुनिया का सबसे आमिर व्यक्ति एलेन मस्क ने जर्मनी के चांसलर के चुनावों में शरणार्थियों को देश निकाला देने की मांग करने वाली राजनीतिक दल का खुला समर्थन करके न केवल उस राष्ट्र के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप किया बल्कि लोकतंत्र के उदार चेहरे को दागदार भी किया।(gaza palestine)

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इतना ही नहीं सालों से अफ्रीका के कांगो और सूडान में हो रहे कबीलों के झगड़ों में अब तक कई लाख लोगों की जान जा चुकी हैं। परंतु दुनिया के देश यूक्रेन और रूस के संघर्ष की ही बात करते हैं।

लगता है कि दुनिया में एक बार फिर गोरे लोगों की ही जान को महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं। जैसे कि दास प्रथा के जमाने में होता हैं। ट्रम्प ने भी अपनी नीतियों को गोरे अमेरिकनों को केंद्र में रखा हैं।

हालांकि दक्षिण अमेरिका के देशों से संयुक्त राज्य अमेरिका आए गोरे और पीले लोगों को दास प्रथा के समय की याद दिला रहा हैं।(gaza palestine)

मतलब दुनिया से अभी रंगभेद खतम नहीं हुआ है , बल्कि ट्रम्प जैसे लोग आबादी को विभाजित करने को ही उचित मानते हैं क्यूंकि उस नीति से वोटों का ध्रुवीकरण होता हैं जो चुनाव में फलीभूत होता हैं।

लगभग दुनिया के सभी लोकतंत्र देशों में (यूरोप) के कुछ देशों को छोड़कर जहां की सरकारें अपनी जनता के प्रति ईमानदार हैं। वहां सत्ता का केन्द्रीकरण नहीं हैं।

जैसा कि बेलारूस में तीस साल से चले आ रहे राष्ट्रपति लुकाशेंको को फिर चुन जैसा लिया! हालांकि उनके चुनाव को निष्पक्ष तो बिल्कुल ही नहीं कहा जा सकता। जैसा उनके दोस्त रूस के ब्लादिमीर पुतिन भी दशकों से सिंहासन पर बने हुए हैं।(gaza palestine)

भारत में दलितों की स्थिति (gaza palestine)

इस्लाम माने वाले अरब और अफ्रीका के काले लोग संयुक्त राष्ट्र संघ और दुनिया के बड़े देशों की नजरों में वैसी ही स्थिति में है जैसी कि भारत में दलितों की हैं।

की दलित की शादी करवाने के लिए पुलिस के 70 जवान पहरेदारी में लगाए गए क्यूंकि दूल्हा घोड़े पर बैठा था जो ऊंची जाति के लोगों को पसंद नहीं।(gaza palestine)

वैसे ही अमेरिका के गोरे लोगों को दूसरे देश के इसी गोरे भी नहीं बर्दाश्त है क्यूंकी वे उनके क्लास के नहीं ! इस्लाम मानने वाले देश भी फिलिस्टिन के अरब निवासियों की मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।

ट्रम्प ने जोर्डन और मिश्र से कहा था कि वे दस-दस लाख फिलिस्टिनी शरणरथियों को अपने यंहा बसाये।

एक ओर अमेरिकी नेता अरब राष्ट्रों से गाजा के लोगों शरण देने की सलाह देता है दूसरी ओर खुद देश में बसे हुए लोगों को सेना की सहायता से निकाल रहा हो।(gaza palestine)

यही पाखंड अब यूरोप की राजनीति का आधार बनता जा रहा है। किस्सा कोताह यह कि हम करे तो रामलीला तुम करो तो करेक्टर ढीला।

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