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नए भारत का जवाब दुनिया देख रही

चीन-पाकिस्तान

स्थिति यह है कि पाकिस्तान की संसद के अंदर सत्तारूढ़ दल के सांसद रो रहे हैं और अल्लाह से बचाने की गुहार कर रहे हैं, पूर्व सांसद देश छोड़ कर भागने की बात कर रहे हैं, विपक्ष के सांसद प्रधानमंत्री को गीदड़ बता रहे हैं, पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के विभाग के एक्स अकाउंट से दुनिया से कर्जा मांगा जा रहा है और किसी तरह से भारत की सैन्य कार्रवाई रूकवाने की कोशिश हो रही है।

आतंकवाद और पाकिस्तान के छद्म युद्ध के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई चल रही है। पाकिस्तान की सीमा के अंदर दशकों से बने आतंकवाद के ढांचे को सैन्य कार्रवाई के जरिए ध्वस्त किया जा रहा है और बौखलाए पाकिस्तान की ओर से भारत के निर्दोष नागरिकों पर हो रहे हमले को भी नाकाम किया जा रहा है। पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारत परत दर परत पाकिस्तान की पोल खोल रहा है और दुनिया को बता रहा है कि पाकिस्तान और आतंकवाद एक दूसरे के पर्याय हैं। यह पहला मौका है, जब पाकिस्तान ने खुद माना है कि वह 30 साल से आतंकवाद को पाल पोस रहा है। नई दिल्ली में भारत के विदेश सचिव ने और लंदन में भारत के उच्चायुक्त ने भारत की सैन्य कार्रवाई में मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के शामिल होने की तस्वीरें दुनिया के सामने रखीं और यह सवाल पूछा कि आतंकवादियों के जनाजे में फौज और पुलिस का क्या काम है? भारत ने यह सत्य स्थापित किया कि पाकिस्तान और आतंकवाद एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

भारत की सैन्य कार्रवाई में जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग मारे गए। भारत में कई आतंकी हमलों का साजिशकर्ता रहा मसूद रो रहा था कि काश वह भी मर जाता। भारत ने बताया कि उसकी सैन्य कार्रवाई में असद रऊफ अजहर मारा गया है, जो 23 साल पहले अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या में शामिल था। उस रऊफ के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी शामिल हुए। आज दुनिया भर का यहूदी समुदाय भारत को धन्यवाद कह रहा है कि उसने डेनियल पर्ल की हत्या करने वाले आतंकवादी को समाप्त किया। अमेरिका यह काम नहीं कर पाया था। डेनियल पर्ल अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया के ब्यूरो प्रमुख थे, जिनको 2002 में अल कायदा के आतंकवादियों ने पकड़ कर बंधक बना लिया था और बाद में उनकी हत्या कर दी थी। पूरी दुनिया उस हत्या से स्तब्ध रह गई थी। उस हत्या में शामिल रऊफ को भारत की सेना ने मार गिराया है। भारत ने दूसरे आतंकवादी साजिद मीर की मिसाल देकर भी पाकिस्तान की पोल खोली। मीर मुंबई हमले का साजिशकर्ता था और उसका नाम आने के बाद पाकिस्तान ने कह दिया था कि वह मर गया। लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव में बाद में उसने स्वीकार किया कि वह जिंदा है। भारत के विदेश सचिव ने इन दोनों मिसालों से पाकिस्तान को एक आतंकवादी देश ठहराया। पूरी दुनिया इस बात पर सहमत है कि पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्टरी है और दुनिया में कहीं भी आतंकवादी वारदात हो तो उसके तार पाकिस्तान से जुड़ते हैं।

ध्यान रहे पाकिस्तान का अस्तित्व भारत को ‘हजार घाव देने की नीति’ पर टिका हुआ है। इसी नीति के तहत उसने फिर भारत को निशाना बनाया। उसके सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने हिंदू और मुस्लिम के दो राष्ट्र होने के सिद्धांत का राग अलापा और उसके एक हफ्ते के अंदर 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में धर्म पूछ कर 26 लोगों की हत्या कर दी। पाकिस्तानी सेना प्रमुख की बात और धर्म पूछ कर हिंदुओं की हत्या करने का मकसद भारत में धर्म के आधार पर विभाजन बनाना और सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था। लेकिन पाकिस्तान के शासकों और सेना के जनरलों को बड़ी निराशा हुई, जब सांप्रदायिक आधार पर विभाजित होने की बजाय पूरा भारत एक हो गया। सबने एक स्वर में पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश की भावना को स्वर देते हुए कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होगी, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। ठीक वैसी ही कार्रवाई भारत की सेना ने छह और सात मई की रात को पाकिस्तान की सरजमीं पर कर दी। भारतीय सेना ने लक्षित हमले में नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया। जैश ए मोहम्मद के चार, लश्कर ए तैयबा के तीन और हिजबुल मुजाहिदीन के दो ठिकाने नष्ट किए गए। बाद में रक्षा मंत्री ने सर्वदलीय बैठक में बताया कि एक सौ से ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं।

दो हफ्ते पहले 27 अप्रैल को इसी कॉलम में ‘पाकिस्तान को कैसा सबक मिलेगा’ शीर्षक से हमने लिखा था कि भारत सरकार ने सिंधु जल समझौता रद्द करके एक बड़ा कदम उठा लिया है। उसके बाद की पंक्तियां थीं, “इस बड़े और ऐतिहासिक फैसले से आगे तीन तरह की कार्रवाई का अंदाजा लगाया जा सकता है। पहला, पाकिस्तान की सीमा में घुस कर आतंकवादियों का लॉन्च पैड नष्ट करना और उनके पूरे नेटवर्क को समाप्त करना। दूसरा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को मुक्त कराना और उसे भारत का हिस्सा बनाना और तीसरा, पाकिस्तान का विभाजन”। तीन तरह की संभावित कार्रवाई में से भारत ने पहली कार्रवाई शुरू कर दी है। उसने छह और सात मई की दरम्यानी रात को पाकिस्तान की सरजमीं पर स्थित आतंकवादियों के ठिकानों और उनके प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट किया। दशकों बाद पहली बार ऐसा हुआ कि भारत ने आतंकवादियों के लॉन्च पैड नष्ट करने लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से आगे बढ़ कर पाकिस्तान की मुख्यभूमि पर हमला किया। उसके सबसे शक्तिशाली प्रांत पंजाब में बहावलपुर, सियालकोट और मुरीदके में आतंकवादियों के लॉन्च पैड नष्ट किए गए।

यह पाकिस्तान के लिए हैरान करने वाली बात थी। उसने सोचा ही नहीं था कि भारत ऐसा कर सकता है। लेकिन शायद उसको अंदाजा नहीं है कि भारत अब पहले वाला देश नहीं रह गया, जब मुंबई पर हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद भी पाकिस्तान को जवाब नहीं दिया गया था। नया भारत घर में घुस कर मारता है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नया भारत अपनी संप्रभुता और अपने नागरिकों पर हमले को बरदाश्त नहीं करता है, बल्कि गिन गिन कर उसका बदला लेता है। तभी पाकिस्तान के आतंकवादियों ने भारत माता के 26 बेटों को मारा तो भारतीय सेना ने उसकी सीमा में घुस कर एक सौ से ज्यादा आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया। आतंकवादियों ने भारत की बेटियों के सामने उनका सुहाग उजाड़ा था इसलिए भारत ने सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम से की। उसके बाद से विदेश सचिव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगातार भारत की दो बेटियां, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह देश और दुनिया को भारतीय सेना की वीरता और पाकिस्तान के कायराना हमले के बारे में बता रही हैं। इन दो बहादुर बेटियों के चेहरों से भारत ने एक बड़ा संदेश दुनिया को दिया और  पाकिस्तान को भी बताया कि भारत का मुसलमान उसके सांप्रदायिक दांव का मोहरा नहीं बनेगा। यह भी बताया कि भारत में पाकिस्तान से ज्यादा मुस्लिम हैं और उनकी वतनपरस्ती पर भारत को गर्व है।

बहरहाल, पाकिस्तान को अब नए भारत के बारे में अंदाजा हो गया है। पिछले चार दिन में भारतीय सेना ने लगातार कार्रवाई करके पाकिस्तानी सरजमीं पर आतंकवाद के ढांचे को नष्ट किया है। पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को पंगु बनाया है और उसके एयरबेस को नष्ट किया है। साथ ही पाकिस्तान की ओर से भारत के सीमावर्ती राज्यों में नागरिकों पर होने वाले हमले को भी पूरी तरह से नाकाम किया है। अब स्थिति यह है कि पाकिस्तान की संसद के अंदर सत्तारूढ़ दल के सांसद रो रहे हैं और अल्लाह से बचाने की गुहार कर रहे हैं, पूर्व सांसद देश छोड़ कर भागने की बात कर रहे हैं, विपक्ष के सांसद प्रधानमंत्री को गीदड़ बता रहे हैं, पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के विभाग के एक्स अकाउंट से दुनिया से कर्जा मांगा जा रहा है और किसी तरह से भारत की सैन्य कार्रवाई रूकवाने की कोशिश हो रही है।

असल में यह पाकिस्तान की नीति रही है। वह ‘हिट एंड रन’ की नीति पर चलता है। पाकिस्तान की सेना आतंकवादियों को आगे कर छद्म युद्ध लड़ती रही है। आतंकवादी हमला करके अपनी खोल में दुबक जाते हैं और फिर खोल से निकल कर भारत को नया घाव देते हैं। इसलिए भारत को आतंकवादी संगठनों का पूरा ढांचा ही खत्म करना होगा और पाकिस्तान को ऐसा सबक देना होगा कि वह फिर अपने पैरों पर खड़ा होकर भारत विरोध के बारे में सोच भी नहीं सके। इसका अभियान शुरू हो गया है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से लेकर पंजाब तक भारतीय सेना आतंकवादियों के ठिकानों पर लक्षित हमले कर रही है। भारत का लक्ष्य आतंकवाद के आकाओं और उनको प्रश्रय देने वालों को भी जड़ से समाप्त करने का होना चाहिए। पाकिस्तान, उसकी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई को पता चलना चाहिए कि उन्होंने कितनी बड़ी गलती की है और भारत कितनी बड़ी सजा दे सकता है।

पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के पक्ष में है और दुनिया के ज्यादातर देशों ने माना है कि भारत को अपनी रक्षा करने का अधिकार है। उसी अधिकार के तहत भारत ने आतंकवादियों के नेटवर्क पर हमला किया है। भारत दुनिया के शीर्ष तीन सैन्य शक्ति वाले देशों में से एक हैं। दूसरी ओर चीन और तुर्किए से उधार या भीख में मिले हथियारों के दम पर लड़ रहा पाकिस्तान है। पाकिस्तान को पता है कि वह प्रत्यक्ष युद्ध में भारत का मुकाबला नहीं कर सकता है। इसलिए वह बार बार छद्म युद्ध की ओर लौटता है। आखिरी प्रत्यक्ष युद्ध उसने 1971 में लड़ा था, जब उसके दो टुकड़े हो गए थे। तभी वह युद्ध लड़ने की बजाय छिटपुट हमले करने के बाद शांति चाहता है ताकि उसके आतंकवादी संगठन अपनी शक्ति का संचय कर सकें। भारत को इस बार उसे यह मौका नहीं देना है।

(लेखक दिल्ली में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) के कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त विशेष कार्यवाहक अधिकारी हैं।)

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