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पूर्वोत्तर में सिक्किम का सूर्योदय

सिक्किम

राज्य की आर्थिक विकास दर 13.1 फीसदी है, जो देश के किसी भी राज्य के मुकाबले ज्यादा है। इतना ही नहीं प्रति व्यक्ति आय के पैमाने पर भी सिक्किम देश का नंबर एक राज्य है। सिक्किम की प्रति व्यक्ति आय 7.07 लाख रुपए सालाना है। अगर मानव विकास सूचकांक की बात करें तो सिक्किम सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला राज्य है। 1983 में मानव विकास सूचकांक में सिक्किम के सिर्फ 0.211 प्वाइंट्स थे, जो 2022 में बढ़ कर 0.712 पहुंच गया।

पचास साल पहले 16 मई 1975 को हिमालय की गोद में बसा बेहद खूबसूरत सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना था। 50 साल बाद आज वह राज्य विकास के लगभग हर पैमाने पर देश का नंबर एक राज्य है। देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) के नेतृत्व में सिक्किम विकास के नए मानक गढ़ रहा है और नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

मुख्यमंत्री की अपार लोकप्रियता, उनकी अद्वितीय कार्यक्षमता, विकास के प्रति अद्भुत संकल्प, लोक कल्याण की प्रतिबद्धता, अप्रतिम दूरदर्शिता, बेमिसाल देशभक्ति और केंद्र सरकार के निर्बाध सहयोग से सिक्किम विकास की नई गाथा लिख रहा है।

आर्थिक विकास दर हो या प्रति व्यक्ति आय हो या रोजगार का मामला हो या महिला सशक्तिकरण का विषय हो या वन आच्छादित क्षेत्र में बढ़ोतरी का मामला हो या प्रदूषण की चुनौती से मुकाबला हो, सभी पैमाने पर सिक्किम ने अपनी श्रेष्ठता साबित की है।

सिक्किम देश का एकमात्र राज्य है, जहां सरकार को सौ प्रतिशत बहुमत हासिल है। राज्य विधानसभा की सभी 32 सीटें   मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) की पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के पास हैं। पिछले चुनाव में मिली यह ऐतिहासिक जीत   मुख्यमंत्री के पांच साल के कामकाज पर सिक्किम की जनता के भरोसे को दिखाती है। पिछले चुनाव से पांच साल पहले यानी 2019 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने साधारण बहुमत हासिल करके सरकार बनाई थी।

उसके बाद पांच साल का कामकाज एक इतिहास है। पांच वर्षों में सिक्किम ने विकास की नई गाथा लिखी। केंद्र सरकार के साथ अपने संबंधों को नई ऊंचाई तक पहुंचाया। पिछले साल यानी 2024 में सिक्किम विधानसभा का चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही हुआ था। सिक्किम विधानसभा के नतीजे लोकसभा चुनाव के परिणामों से दो दिन पहले यानी दो जून को आए थे।

उस समय तक लोकसभा चुनाव की मतगणना आरंभ नहीं हुई थी। उससे पहले ही संपूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का अभूतपूर्व जनादेश मिलने के तुरंत बाद   मुख्यमंत्री ने   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी अटूट आस्था और श्रद्धा जताते हुए समर्थन देने की घोषणा की।

उनका यह कदम एनडीए के प्रति उनकी निष्ठा और   प्रधानमंत्री के प्रति उनके सम्मान को प्रदर्शित करता है। एनडीए के प्रति उनकी अटूट निष्ठा और प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान का एक प्रमाण यह भी है कि उन्होंने विधानसभा की सभी सीटें अपनी पार्टी के पास होने के बावजूद राज्यसभा की एकमात्र सीट सहयोगी पार्टी भाजपा के खाते में डाली।

यह गठबंधन की राजनीति का एक नया ही स्तर है।   मुख्यमंत्री को पता है कि भारतीय जनता पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ है, जिसका कोई प्रतिनिधि विधानसभा में नहीं है और लोकसभा में भी सिक्किम से उसका कोई प्रतिनिधि नहीं है तो उन्होंने राज्यसभा में भाजपा का प्रतिनिधि सिक्किम से भेजा ताकि संतुलन बना रहे और राज्य के हित की बात दोनों पार्टियां समान रूप से दोनों सदनों में उठा सकें।

सिक्किम में पहली बार 2019 में सरकार बनाने के बाद से ही   मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) को केंद्र सरकार का निर्बाध समर्थन और सहयोग मिलता रहा है। इससे राज्य विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है और उपलब्धियों के नए रिकॉर्ड बना रहा है। आमतौर पर पांच साल सरकार चलाने के बाद सत्ता विरोधी लहर पैदा होती है। लोगों में सरकार के कामकाज से नाराजगी होती है। पार्टियों में गुटबाजी और टूट फूट होती है।

परंतु सिक्किम में इसका उलटा हुआ। पांच साल सरकार चलाने के बाद सत्ता के समर्थन की लहर चली और सिक्किम की महान जनता ने सभी सीटें सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा की झोली में डाल दी। इस अभूतपूर्व जनादेश ने   मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियां भी बढ़ा दीं। वे पूरी सक्षमता के साथ इस विशाल जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। तभी देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान ‘इंडिया टुडे’ ने अपने सर्वे में उनको राज्य का सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चुना।

उनकी लोकप्रियता के कई आयाम और कई पहलू हैं। वे सिर्फ इसलिए सबसे लोकप्रिय नहीं हैं कि उनको सबसे ज्यादा वोट मिले या विधानसभा की सभी सीटें मिल गईं। वे सिर्फ इसलिए भी लोकप्रिय नहीं हैं कि वे बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और राज्य में विकास की नई गाथा लिख रहे हैं। उनकी लोकप्रियता राज्य के प्रति समर्पण के कारण है। राज्य की जनता के प्रति आत्मीयता और उनसे निजी जुड़ाव की वजह से है। उनकी लोकप्रियता सिक्किम के पहाड़ों, नदियों, गांवों, कस्बों और शहरों से उनके लगाव की वजह से है।

वे पूरे राज्य को अपने परिवार की तरह समझते हैं और उनकी देख-रेख उसी अंदाज में करते हैं। उन्होंने लगातार दूसरी बार अभूतपूर्व जनादेश हासिल करने के बावजूद जमीन से अपना जुड़ाव नहीं छोड़ा। जनता का जैसा बिना शर्त समर्थन उनको मिला है, उससे प्रमाणित है कि उनकी सत्ता को कोई चुनौती नहीं है फिर भी वे हमेशा जनता के बीच ही रहना चाहते हैं और उनके सुख दुख के भागीदार बनना चाहते हैं। यह बात उन्हें बहुत खास बनाती है।

वे जनता के साथ दोतरफा संबंधों में विश्वास करते हैं। वे सीधे जनता से संवाद करते हैं। अपनी बात कहते हैं और उनकी बात ध्यान से सुनते हैं ताकि उनकी हर छोटी बड़ी समस्या का समयबद्ध तरीके से समाधान किया जा सके।

उनकी समावेशी राजनीति, एनडीए के प्रति अटूट निष्ठा और केंद्र की   नरेंद्र मोदी सरकार के साथ बेहतरीन समन्वय के बाद अगर राज्य सरकार के कामकाज और विकास गाथा की बात करें तो वह अद्भुत है। सिक्किम ने   मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) के नेतृत्व में अभूतपूर्व प्रगति की है। सिक्किम आज विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। आर्थिक विकास दर में सिक्किम अव्वल है। राज्य की आर्थिक विकास दर 13.1 फीसदी है, जो देश के किसी भी राज्य के मुकाबले ज्यादा है।

इतना ही नहीं प्रति व्यक्ति आय के पैमाने पर भी सिक्किम देश का नंबर एक राज्य है। सिक्किम की प्रति व्यक्ति आय 7.07 लाख रुपए सालाना है। अगर मानव विकास सूचकांक की बात करें तो सिक्किम सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला राज्य है। 1983 में मानव विकास सूचकांक में सिक्किम के सिर्फ 0.211 प्वाइंट्स थे, जो 2022 में बढ़ कर 0.712 पहुंच गया। गरीबी उन्मूलन के मामले में सिक्किम का प्रदर्शन सबसे बेहतरीन रहा। किसी भी राज्य में विकास गतिविधियों का आकलन करने के लिए एक पैमाना नीति आयोग की ओर से तैयार किया जाना वाला सस्टेनेबल डेवलमपेंट गोल यानी एसडीजी इंडेक्स है।

इस पैमाने पर पूर्वोत्तर के राज्यों में सबसे ऊपर यानी चैंपियन सिक्किम है। सिक्किम ने स्वच्छता, स्वच्छ पेजयल और हर मौसम की आवाजाही के लिए सड़कें यानी ऑल वेदर रोड का लक्ष्य 2023 में हासिल कर लिया। केंद्र सरकार के सहयोग से सिक्किम अगले कुछ वर्षों में सड़कों का ऐसा नेटवर्क तैयार करेगा, जिससे देश के बाकी क्षेत्रों से उसकी कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। इस क्षेत्र में युद्धस्तर पर काम चल रहा है।

सिक्किम विकास मॉडल की सफलता

अगर सिक्किम की अन्य उपलब्धियों की चर्चा करें तो यह देश का पहला राज्य है, जहां पूरी तरह से ऑर्गेनिक यानी जैविक खेती होती है। सिक्किम पहला राज्य है, जिसे रासायनिक खाद, कीटनाशक और सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी लगाई गई। इतना नहीं राज्य में दो लीटर से कम मात्रा वाली पानी की बोतल पर पूरी तरह से पाबंदी है। राज्य में 47 फीसदी हिस्से में फॉरेस्ट कवर यानी वन आच्छिदत क्षेत्र है। एक तरफ जहां बाकी देश और दुनिया हरित क्षेत्र कम हो रहे हैं और वन काटे जा रहे हैं वहीं सिक्किम वन क्षेत्र में बढ़ोतरी हो रही है। यह अनायास नहीं हो गया है।

इसके लिए राज्य की प्रेम सिंह तमांग (गोले) की सरकार अथक प्रयास कर रही है। राज्य में ‘मेरो रुख, मेरो संतति’ यानी ‘मेरा पेड़ा, मेरा परिवार’ के नाम से अभियान चल रहा है, जिसके तहत हर बच्चे के जन्म पर 108 पेड़ लगाए जाते हैं। इस अभियान की सराहना पूरी दुनिया में हुई है। इतना ही नहीं 108 पेड़ लगाने पर सरकार हर बच्चे के नाम से 18 हजार रुपए फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी कराती है, जिसका पैसा बच्चे के 18 साल का होने पर उसको मिलता है।

जैव विविधता के क्षेत्र में सिक्किम की उपलब्धियों का कोई मुकाबला नहीं है। राज्य ने स्वच्छ और हरित जीवनशैली को अपनाया है। सिक्किम में स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल और बिजली कवरेज के क्षेत्र में सौ फीसदी का लक्ष्य हासिल कर लिया है।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सिक्किम ने अपनी उपलब्धियों का अलग है पैमाना बनाया है। राज्य में चीफ मिनिस्टर मेडिकल असिस्टेंस स्कीम के तहत एक्सीडेंट से लेकर कैंसर और अंग प्रत्यारोपण जैसे मामलों में सरकार की ओर से मदद दी जाती है। वत्सला योजना के तहत निःसंतान दंपति को तीन लाख रुपए की मदद आईवीएफ के लिए दी जाती है। सबके लिए मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसका नतीजा है कि राज्य में शिशु मृत्यु दर एक हजार बच्चों के जन्म पर सिर्फ चार है।

इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि हर बच्चे को स्कूल की सुविधा प्राप्त है। राज्य में साक्षरता दर 90.67 फीसदी है, जो देश के ज्यादातर राज्यों से बेहतर है। राज्य में शिक्षक और छात्र अनुपात के आधार पर सिक्किम देश के सबसे बेहतरीन राज्यों में है। इतना ही नहीं राज्य सरकार बड़ी संख्या में छात्रों को बेहतर शिक्षा हासिल करने के लिए आर्थिक मदद देती है।

इसी तरह महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सिक्किम की प्रेम सिंह तमांग (गोले) सरकार ने शानदार काम किया है। राज्य की सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण प्राप्त है और शहरी व स्थानीय निकायों में आधी सीटें यानी 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण की कई योजनाएं राज्य सरकार चला रही है। अम्मा सशक्तिकरण योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों में हर साल रसोई गैस के चार सिलिंडर मुफ्त दिए जाते हैं। सिक्किम अम्मा योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक मदद दी जाती है।

सरकार हर साल महिलाओं को 40 हजार रुपए की आर्थिक मदद देती है। यह महिलाओं का गरिमामय जीवन सुनिश्चित करने के   मुख्यमंत्री के संकल्प को दिखाता है। सरकार ने शासन का विकेंद्रीकरण किया है ताकि बिल्कुल निचले स्तर पर सरकार पहुंच सके और लोगों को सरकार तक पहुंचने में परेशानी न हो। ये तमाम उपलब्धियां सिक्किम को न सिर्फ पूर्वोत्तर के राज्यों में, बल्कि देश के सभी राज्यों में विकास के पैमाने पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में एक बनाती है और यह संभव हुआ है मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) के अनथक परिश्रम और दूरदृष्टि और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सहयोग व समर्थन की बदौलत।

(लेखक दिल्ली में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) के कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त विशेष कार्यवाहक अधिकारी हैं।)

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Pic Credit: ANI

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