Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

बिहार में सिर्फ जंगल राज का एजेंडा

Bihar Cabinet Expension

यह बड़ी हैरान करने वाली बात है और भाजपा और जनता दल यू बिहार में अब भी जंगल राज के उसी एजेंडे पर चुनाव लड़ रहे हैं, जिस पर दोनों ने 25-30 साल पहले चुनाव लड़ते थे। नब्बे के दशक के मध्य में जब नीतीश कुमार की पार्टी के नेता जॉर्ज फर्नांडीज होते थे और उसका नाम समता पार्टी होता था तब से भाजपा और समता पार्टी जंगल राज के मुद्दे पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं।

बिहार में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के शासन को नीतीश और भाजपा ने जंगल राज का नाम दिया था। हालांकि इसी मुद्दे पर उनको हराने के बाद नीतीश कुमार दो बार लालू प्रसाद के साथ तालमेल कर चुके हैं। लेकिन 2024 में भी लोकसभा चुनाव में यह सबसे मुख्य मुद्दा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों के भाजपा के बूथ प्रभारियों और अन्य नेताओं के साथ वर्चुअल कांफ्रेंस किया। इसमें उन्होंने कहा कि भाजपा को लोगों को बिहार के जंगल राज की याद दिलानी चाहिए। उनको बताना चाहिए कि पहले क्या होता था। लोग रात में घरों से निकलने में डरते थे। उन्होंने यह भी कहा कि पुराने लोगों को सामने लाना चाहिए, जो नई पीढ़ी के लोगों को इसके बारे में बताएं।

नीतीश कुमार तो हर सभा में यही बात कह रहे हैं कि बिहार में पहले कुछ नहीं था। 2005 से पहले जंगल  राज था और उसके बाद सब कुछ उन्होंने किया। सोचें, राज्य में नीतीश कुमार के करीब 19 साल और केंद्र में नरेंद्र मोदी के 10 साल के बाद बिहार में किसी सकारात्मक मुद्दे की बजाय 25 साल पुराने मुद्दे पर चुनाव लड़ा जाए तो उसे क्या कहा जा सकता है!

Exit mobile version