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दिल्ली में भी घुसपैठियों का मामला

delhi assembly election

Delhi Assembly Election, पिछले पांच साल में ध्यान नहीं आ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में घुसपैठियों का मुद्दा उठाया हो। भाजपा ने दूसरी कई चीजों पर प्रचार किया। अरविंद केजरीवाल पर हमले हुए। उनकी सरकार को विफल बताया गया। उनके घर को शीशमहल बता कर कहा गया कि वे आम आदमी नहीं, बल्कि सबसे खास आदमी हैं। शराब नीति में गड़बड़ी के आरोपों के हवाले भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगे। वोट बैंक की राजनीति करने का भी मुद्दा उठा लेकिन खासतौर से घुसपैठियों का जिक्र भाजपा ने कभी नहीं किया। लेकिन अब जबकि चुनाव नजदीक आ गया है और झारखंड में घुसपैठियों का बड़ा मुद्दा बन गया है तो दिल्ली में भी इसे एक मुद्दा बनाने का प्रयास शुरू हो गया है।

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इस काम में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं कि दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना। दिल्ली के उप राज्यपाल ने घुसपैठियों का पता लगाने के लिए एक महीने का विशेष अभियान चलाने का ऐलान किया है। उन्होंने दिल्ली पुलिस के प्रमुख को कहा है कि एक महीने में विशेष अभियान चला कर घुसपैठियों का पता लगाया जाए, उनकी पहचान की जाए। उप राज्यपाल के इस कदम के बाद भाजपा की भी नींद खुली है और पार्टी के नेता दिल्ली में कई बस्तियों में बांग्लादेश और रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या बढ़ने की बात करने लगे हैं। सो, तय मानना चाहिए कि दो महीने बाद होने वाले चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा जोर पकड़ेगा। झारखंड में चुनाव खत्म होते ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा दिल्ली में सक्रिय होंगे। वे घुसपैठिया मामले के सबसे बड़े विशेषज्ञ के तौर पर उभरे हैं।

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