ऐसा लग रहा है कि हरियाणा में विधायक दल के नेता का फैसला होने वाला है। जानकार सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान एक बार फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने झुकने को तैयार हो गया है। हुड्डा लगातार तीसरी बार नेता विपक्ष बन सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यह भी एक रिकॉर्ड होगा। भूपेंद्र सिंह हुड्डा 2005 से यानी पिछले 20 साल से लगातार कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने जा रहे हैं।
पहले 10 साल वे मुख्यमंत्री रहे और उसके बाद 10 साल वे नेता प्रतिपक्ष रहे। कहा जा रहा है कि एक कार्यकाल के लिए और वे नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं। पार्टी आलाकमान उनको कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाने पर राजी हो गया है। ऐसा होता है तो यह सवाल उठेगा कि अगर हुड्डा को ही विधायक दल का नेता बनाना है तो आठ महीने की देरी क्यों की गई? चुनाव के तुरंत बाद जब कांग्रेस हारी और हुड्डा ने 31 विधायकों को जुटा कर अपनी ताकत दिखाई तो उसी समय उनको नेता बना देना चाहिए था।
लेकिन अंत में अगर हुड्डा की विधायक दल के नेता बनते हैं तो क्या इज्जत रह जाएगी? कहा जा रहा है कि हुड्डा इस बात पर अड़े थे कि उनको विधायक दल का नेता बनाया जाए या उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए। अगर हुड्डा विधायक दल के नेता बनते हैं तो प्रदेश अध्यक्ष कोई दलित होगा।
अभी चौधरी उदयभान अध्यक्ष हैं, जो हुड्डा के करीबी हैं। नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद हुड्डा दबाव बनाएंगे कि उनके करीबी को ही अध्यक्ष पद मिले। दूसरी ओर कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला किसी और नेता के लिए दबाव बनाएंगे।
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