Haryana politics

  • हुड्डा के आगे फिर झुकेगा कांग्रेस आलाकमान!

    ऐसा लग रहा है कि हरियाणा में विधायक दल के नेता का फैसला होने वाला है। जानकार सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान एक बार फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने झुकने को तैयार हो गया है। हुड्डा लगातार तीसरी बार नेता विपक्ष बन सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यह भी एक रिकॉर्ड होगा। भूपेंद्र सिंह हुड्डा 2005 से यानी पिछले 20 साल से लगातार कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने जा रहे हैं। पहले 10 साल वे मुख्यमंत्री रहे और उसके बाद 10 साल वे नेता प्रतिपक्ष रहे। कहा जा रहा है कि एक कार्यकाल के लिए और...

  • हुड्डा खेमा नफा, नुकसान का आकलन कर रहा है

    सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर ईडी का शिकंजा कसा है और उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है तो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का खेमा नफा, नुकसान का आकलन कर रहा है। अगर वाड्रा पर कार्रवाई होती है तो हुड्डा भी नहीं बचेंगे क्योंकि उनके ऊपर आरोप है कि मुख्यमंत्री रहते उन्होंने वाड्रा को फायदा पहुंचाया। हालांकि उनके ऊपर यह आरोप भी लगता रहा है कि उन्होंने भाजपा में अपनी सेटिंग कर रखी है। पिछले दिनों इंडियन नेशनल लोकदल के संस्थापक ओमप्रकाश चौटाला के परिजनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हुड्डा ने भाजपा से...

  • चौटाला परिवार एक हुआ तो कांग्रेस की मुश्किल

    हरियाणा में कांग्रेस की मुश्किलें अभी तुरंत समाप्त नहीं होने वाली हैं। 10 साल तक सत्ता से बाहर रही कांग्रेस को इस बार सरकार बनाने की उम्मीद थी लेकिन 40 फीसदी वोट लेकर भी वह सरकार नहीं बना पाई। अब पांच साल और सत्ता से बाहर रहना है। सत्ता से बाहर होने के बावजूद कांग्रेस को एकजुट रखने और 2014 के 20 फीसदी वोट से उसे 40 फीसदी तक ले जाने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा की उम्र 77 साल है और यह संभव नहीं लग रहा है कि वे पांच साल बाद भी पार्टी का नेतृत्व करेंगे या कांग्रेस उनके...

  • खट्टर सबके निशाने पर

    हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की कमान एक तरह से पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संभाली है। टिकट बंटवारे में सबसे ज्यादा उनकी चली और उन्होंने ही इनेलो, जजपा, कांग्रेस आदि के नेताओं को पार्टी में शामिल करा कर टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वे सबसे ज्यादा प्रचार भी कर रहे हैं। इन सब कारणों से वे सबसे निशाने पर भी हैं। विपक्षी पार्टी खास कर कांग्रेस तो उनको निशाना बना कर लड़ ही रही है। उसका कहना है कि भाजपा ने खट्टर को जितनी ज्यादा तरजीह दी है उससे उनके खिलाफ जो एंटी इन्कम्बैंसी...

  • अब परिवारवाद का सहारा

    खट्टर ने सिर्फ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर ही ताकत नहीं दिखाई। कहा जा रहा है कि वे अमित शाह के साथ भी जोर आजमाइश कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि अमित शाह की इच्छा के विरूद्ध जाकर खट्टर ने जननायक जनता पार्टी और दूसरी पार्टियों के नेताओं, विधायकों को भाजपा में शामिल कराया। उन्हें न सिर्फ भाजपा में शामिल किया गया, बल्कि उन को टिकट भी दी गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक सितंबर को जींद में भाजपा की सभा थी, जिसमें अमित शाह को शामिल होना था। खट्टर ने उसमें दुष्यंत चौटाला की पार्टी के नेताओं...

  • हरियाणा में सोनिया कराएंगी सुलह

    हरियाणा में चुनाव की घोषणा हो जाने के बाद भी कांग्रेस की आंतरिक कलह समाप्त नहीं हो रही है। पार्टी दो गुटों में बंटी हुई है और दोनों के नेता खुल कर एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं। पिछले दिनों चुनाव पर विचार के लिए बैठक हुई तो बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने ही राज्यसभा सांसद कुमारी शैलजा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भिड़ गए। दोनों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। बाद में कुमारी शैलजा ने कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और सफाई पेश की। बताया जा रहा है कि उन्होंने...

  • खट्टर के कारण एंटी इन्कम्बैंसी

    हरियाणा सरकार के विज्ञापनों से दिल्ली के अखबार भरे पड़े हैं। हर दिन एक या दो पूरे पन्ने का विज्ञापन होता है, जिसमें सरकार की उपलब्धियां बताई जाती हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार के खिलाफ एंटी इन्कम्बैंसी खत्म नहीं हो रही है। इसके कई कारण बताए जा रहे हैं लेकिन एक मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रदेश नहीं छोड़ रहे हैं। वे हरियाणा की राजनीति से बाहर नहीं जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री हो जाने के बावजूद वे हरियाणा की राजनीति में सारे समय सक्रिय रहते हैं। असल में मनोहर लाल खट्टर...

  • भाजपा और जजपा का झगड़ा या नूरा कुश्ती?

    Haryana Politics : करीब साढ़े साल तक एक साथ मिल कर सरकार चलाने के बाद हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के बीच जंग छिड़ी है। दोनों एक दूसरे पर खुल कर हमले कर रहे हैं। (Haryana Politics ) भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन बडौली ने कहा है कि उनकी पार्टी जजपा के साथ कोई तालमेल नहीं करेगी। दूसरी ओर जजपा के नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि अब उनकी पार्टी कभी भी भाजपा से तालमेल नहीं करेगी। also read: बद्रीनाथ धाम में नर नारायण जन्मोत्सव का शुभारंभ...

  • राव इंद्रजीत सिंह का दुख

    दिल्ली से सटे गुरुग्राम के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पिछले दिनों हरियाणा के अहिरवाल इलाके में दौरे पर थे, जहां उन्होंने एक बड़ी मार्मिक बात कही। अपने जुलूस में शामिल लोगों से राव इंद्रजीत सिंह ने पूछा कि क्या कोई नेता ऐसा है, जो 2004 में भी केंद्रीय राज्य मंत्री रहा हो और 20 साल बाद 2024 में भी राज्य मंत्री ही हो? खुद ही इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा वे अकेले ऐसे नेता हैं, जो 20 साल से एक ही पद पर हैं कोई तरक्की नहीं हुई है। गौरतलब है कि राव इंद्रजीत सिंह...

  • किरण चौधरी की काट क्या है?

    हरियाणा में भाजपा ने किरण चौधरी को तोड़ कर बड़ा दांव चला है। राज्य के सबसे बड़े जाट परिवारों में से एक चौधरी बंशीलाल की बहू किरण चौधरी कांग्रेस की महत्वपूर्ण नेता रही हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा उनको राज्यसभा भेजेगी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी को उनकी पारंपरिक तोशाम सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाया जाएगा। इस मामले में हो सकता है कि भाजपा परिवारवाद के आरोपों की परवाह नहीं करे। तभी कांग्रेस की ओर से काट खोजी जा रही है। ऐसे नेता की तलाश हो रही है, जो किरण और श्रुति चौधरी के असर को कम कर...

  • राज्यसभा सीट पर ही हरियाणा का फ्लोर टेस्ट

    हरियाणा में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही उथलपुथल मची है। चुनाव से पहले जननायक जनता पार्टी ने अपने 10 विधायकों के साथ सरकार से समर्थन वापस ले लिया। उसके बाद सरकार को समर्थन दे रहे तीन निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन वापस लिया और कांग्रेस के साथ चले गए। सो, सरकार अल्पमत में आ गई। फिर भी मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी ने अविश्वास प्रस्ताव नहीं पेश किया। अब राज्य में एक राज्यसभा की सीट खाली हो रही है, जिस पऱ उपचुनाव होगा। उसमें अगर कांग्रेस और विपक्ष साझा उम्मीदवार उतारे तो उसी में...

  • इनेलो की मान्यता पर संकट

    हरियाणा में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले राज्य की सबसे पुरानी प्रादेशिक पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल की मान्यता पर संकट मंडरा रहा है। गौरतलब है कि पिछले चुनाव से पहले पार्टी टूट गई थी और ओमप्रकाश चौटाला के एक बेटे व पोते ने जननायक जनता पार्टी बना ली थी। उसने विधानसभा में 10 सीटें जीतीं और भाजपा की सरकार को समर्थन दिया। दूसरी ओर इनेलो सिर्फ एक सीट जीत पाई। पिछले लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में इनेलो ने क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा बनाए रखने के लिए जितने वोट हासिल करने की अनिवार्यता है उससे...

  • टूट सकती है दुष्यंत की पार्टी

    चंडीगढ़। हरियाणा में चल रही राजनीतिक उलटफेर के बीच ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी में टूट हो सकती है। उनकी पार्टी के तीन विधायकों ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की। जानकार सूत्रों के मुताबिक यह संख्या बढ़ भी सकती है। गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले मंगलवार को तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और कांग्रेस के साथ चले गए थे। उसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई थी। अब खबर है कि दुष्यंत चौटाला की पार्टी के तीन विधायकों ने गुरुवार...

  • हुड्डा तो जीते लेकिन कांग्रेस का क्या होगा?

    हरियाणा में टिकट बंटवारे की लड़ाई भूपेंद्र सिंह हुड्डा जीत गए हैं। उन्होंने जिसको चाहा उसको टिकट मिली। उन्होंने जिसका विरोध किया उसकी टिकट कट भी गई। सो, हुड्डा जीत गए लेकिन कांग्रेस का क्या होगा? क्या कांग्रेस हरियाणा में जीतेगी? ध्यान रहे 2004 से लेकर अभी तक यानी पिछले 20 साल से हरियाणा कांग्रेस हुड्डा के हवाले है। लेकिन पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का सफाया हुआ। 2014 में 10 में से कांग्रेस सिर्फ एक रोहतक सीट जीती, जहां से उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा सांसद बनें। उस चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी भी दो सीट जीत गई...

  • हरियाणा के लाल परिवारों का संकट

    हरियाणा की राजनीति दशकों तक तीन लालों के ईर्द-गिर्द घूमती रही थी। उनके नहीं रहने पर उनके परिवारों का राजनीतिक वर्चस्व कायम रहा। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि तीनों लालों के परिवार राजनीतिक अस्तित्व बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। भाजपा की 10 साल की गैर जाट राजनीति और कांग्रेस की जाट राजनीति ने तीनों परिवारों का अस्तित्व कमजोर किया है। इस बार के लोकसभा चुनाव में तीनों लाल परिवारों में से दो परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है, जबकि एक परिवार के तीन सदस्य एक ही सीट पर किस्मत आजमा रहे हैं।...

  • चौटाला परिवार में एकता नहीं बनेगी

    भारतीय जनता पार्टी से तालमेल खत्म होने और राज्य सरकार से बाहर होने के बाद दुष्यंत चौटाला की बेचैनी बढ़ रही है। उनकी जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी क्या करेगी और उसका भविष्य क्या होगा यह अनिश्चित हो गया लगता है। तभी दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला ने पिछले दिनों एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे अपने पिता ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल में लौटने पर विचार कर सकते हैं। यह संकेत भी दिया गया कि वे जननायक जनता पार्टी का विलय भी इनेलो में कर सकते हैं।...

  • पूर्व कांग्रेसियों के सहारे हरियाणा में भाजपा

    भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। ऐसा लग रहा है कि भाजपा इस बार पूर्व कांग्रेसी नेताओं के सहारे हरियाणा का चुनाव लड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तमाम लहर के बावजूद भाजपा ने अपने नेताओं की बजाय कांग्रेस से आयातित नेताओं पर भरोसा दिखाया। पहले तो भाजपा ने साढ़े नौ साल राज करने के बाद मुख्यमंत्री बदल दिया। इससे भी यह मैसेज गया कि भाजपा को हरियाणा में सत्ता विरोध की लहर का अंदाजा है इसलिए वह चुनाव से ऐन पहले मुख्यमंत्री बदल कर उसे कम...

  • चौटाला परिवार जाट वोट बंटवाएंगा

    हरियाणा में योजनाबद्ध तरीके से भाजपा ने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी से तालमेल खत्म कर लिया और उसको अकेले लड़ने के लिए छोड़ दिया। उधर ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल अलग ताल ठोक रही है। इसका नतीजा यह हुआ है कि कांग्रेस नेताओं की चिंता बढ़ी है। Haryana politics Jat vote यह भी पढ़ें: नेतन्याहू न मानेंगे, न समझेंगे! गौरतलब है कि चौटाला परिवार का दशकों तक हरियाणा की जाट राजनीति पर असर रहा है। एक तरह से उनका वर्चस्व था। जाट पूरी तरह से देवीलाल और बाद में ओमप्रकाश चौटाला के साथ जुड़े रहे। हालांकि...

  • हरियाणा के तमाम पुराने नेता किनारे हुए

    हरियाणा में भाजपा के पुराने नेताओं का हाशिए में जाना 2014 में ही शुरू हो गया था, जब पहली बार के विधायक मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया था। वे प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं में शामिल नहीं थे। उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी करीबी का फायदा मिला था। फिर भी उनको मुख्यमंत्री बनाए जाने से पार्टी के कई बड़े नेता नाराज हुए थे पर सभी सीएम दावेदारों को सरकार में जगह मिल गई थी। Haryana politics BJP यह भी पढ़ें: चुनावी बॉन्ड से क्या पता चलेगा उसके बाद एक एक करके सारे पुराने नेता लापता होते गए...

  • हरियाणा में आप से प्रतीकात्मक तालमेल

    कांग्रेस पार्टी हरियाणा में क्या आम आदमी पार्टी से तालमेल करेगी? कांग्रेस के तमाम नेता आशंकित हैं। हरियाणा के नेताओं को लग रहा है कि पिछले 11 साल से लगातार प्रयास करने के बावजूद आम आदमी पार्टी को हरियाणा में जगह नहीं मिली है। किसी भी चुनाव में उसके नेताओं को सम्मानजनक वोट नहीं मिला है। हर चुनाव में उसका मुकाबला नोटा से ही रहा है। अगर कांग्रेस उससे तालमेल करती है तो उसे राज्य में पैर जमाने की जगह मिलेगी और उसके बाद दिल्ली की तरह की स्थिति बन सकती है। ध्यान रहे दिल्ली में 2013 में पहली बार...

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