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19-06-2025 Vol 19

चौटाला परिवार में एकता नहीं बनेगी

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भारतीय जनता पार्टी से तालमेल खत्म होने और राज्य सरकार से बाहर होने के बाद दुष्यंत चौटाला की बेचैनी बढ़ रही है। उनकी जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी क्या करेगी और उसका भविष्य क्या होगा यह अनिश्चित हो गया लगता है।

तभी दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला ने पिछले दिनों एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे अपने पिता ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल में लौटने पर विचार कर सकते हैं। यह संकेत भी दिया गया कि वे जननायक जनता पार्टी का विलय भी इनेलो में कर सकते हैं। लेकिन इनेलो के नेता अभय चौटाला ने इस प्रस्ताव को साफ शब्दों में ठुकरा दिया। उन्होंने कहा जजपा का विलय इनेलो में नहीं होगा।

यह काम मुश्किल इसलिए भी लग रहा है क्योंकि दुष्यंत चौटाला चार साल से ज्यादा समय तक राज्य के उप मुख्यमंत्री रह चुके तो इनेलो में लौटने के बाद वे स्वाभाविक रूप से सबसे बड़ा नेता होने की दावेदारी करेंगे। इससे अभय चौटाला और उनके परिवार के सदस्यों की स्थिति कमजोर होगी। इस बीच कांग्रेस के नेता इस बात का आकलन कर रहे हैं कि उन्हें इनेलो और जजपा के अलग अलग लड़ने से ज्यादा नुकसान होगा या साथ लड़ने से।

गौरतलब है कि जाट मतदाताओं का एक बड़ा समूह पारंपरिक रूप से चौटाला परिवार के साथ रहा है। अगर दोनों पार्टियों से पांच पांच जाट उम्मीदवार लड़ते हैं तो कांग्रेस के लिए मुश्किल बढाएंगे। हालांकि भूपेंद्र हुड्डा से लेकर रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के साथ साथ अब बीरेंद्र सिंह के कांग्रेस में आ जाने से कांग्रेस जाट वोट को लेकर बहुत भरोसे में है। लेकिन चौटाला परिवार की दोनों पार्टियां कुछ न कुछ मुश्किल जरूर पैदा करेंगी।

NI Political Desk

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