संसद के पिछले सत्र में वक्फ कानून पास होने के बाद से देश भर के मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। इसके खिलाफ आंदोलन चल रहे थे लेकिन उसी बीच पहलगाम कांड हो गया और फिर सब कुछ थम गया। बाद में ऑपरेशन सिंदूर की वजह से विरोध प्रदर्शन थमे रहे। अब एक बार फिर वक्फ कानून के खिलाफ आंदोलन शुरू होने जा रहे हैं। बिहार में 29 जून को बड़ा प्रदर्शन होगा। इमारत ए शरिया की ओर से इसका आयोजन किया जा रहा है। चूंकि चार महीने के बाद बिहार में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं इसलिए वक्फ का मुद्दा बड़ा होने जा रहा है। एक तरफ विपक्षी पार्टियां इसके विरोध में होने वाले आंदोलन में हिस्सा लेने की तैयारी कर रही हैं तो दूसरी ओर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां विपक्षी पार्टियों पर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगा रही हैं।
जानकार सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान ने बिहार प्रदेश नेतृत्व को कहा है कि वे 29 जून के आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें। बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने इमारत ए शरिया के प्रमुख फैसल रहमानी से मुलाकात की है। उन्होंने वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन में कांग्रेस की ओर से हर तरह की मदद का भरोसा दिया है। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी अपनी पार्टी के नेताओं को इस आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाने का आदेश दिया है। राजद और कांग्रेस के मुस्लिम नेता सक्रिय रूप से आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि 29 जून के आंदोलन में राजद, कांग्रेस और वीआईपी के कितने नेता सड़क पर उतर कर प्रदर्शन में हिस्सा लेते हैं। हालांकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि वक्फ विरोधी प्रदर्शन बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनने वाला है क्योंकि प्रदर्शन एक दिन में नहीं रूकेगा।