Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

विपक्ष को एकजुट कर रहे हैं स्टालिन

सुप्रीम कोर्ट

विपक्षी पार्टियों के शासन वाले राज्यों की विधानसभाओं से पास विधेयक को अनंतकाल तक रोक कर रखने की हाल में बनी परंपरा को सुप्रीम कोर्ट ने आठ अप्रैल के फैसले से समाप्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला तमिलनाडु के राज्यपाल और तमिलनाडु सरकार के विवाद को लेकर दायर याचिका में आया था।

इसलिए जब राष्ट्रपति की ओर से इस फैसले को लेकर अनुच्छेद 143 के तहत एक रेफरेंस सुप्रीम कोर्ट को भेजा गया तो सबसे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसकी आलोचना की और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह राज्यों में चुनी हुई सरकारों को कमजोर करने और उनका अधिकार कम करने का प्रयास है। अब खबर है कि स्टालिन इसके विरोध में विपक्षी पार्टियों को एकजुट करेंगे।

राज्यपाल से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विपक्षी प्रतिक्रिया

बताया जा रहा है कि एमके स्टालिन विपक्षी पार्टियों के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे और इसका विरोध करने के लिए उनको तैय़ार करेंगे। वैसे सुप्रीम कोर्ट को रेफरेंस भेजने की खबर आने के तुरंत बाद सीपीएम ने भी इसकी आलोचना की और उसके शासन वाले केरल सरकार ने भी इस सवाल उठाया। ध्यान रहे केरल सरकार भी राज्यपाल के पास लंबित विधेयकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई है और तमिलनाडु मामले में दिए गए फैसले को केरल पर भी लागू करने की मांग कर रही है।

बहरहाल, स्टालिन केरल, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, झारखंड आदि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे। ध्यान रहे ये सभी राज्य किसी न किसी रूप में राज्यपालों की भूमिका से परेशान रहे हैं। विपक्षी मुख्यमंत्री कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह की लड़ाई की तैयारी करेंगे। हालांकि आमतौर पर राष्ट्रपति के रेफरेंस से सुप्रीम कोर्ट के फैसले नहीं बदला करते हैं।

Also Read: शासन का कोई अंग सर्वोच्च नहीं: चीफ जस्टिस
Pic Credit: ANI

Exit mobile version