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ममता चुपचाप नहीं बैठी हैं

Mamta

Image Credit: Jagran

ममता बनर्जी ने लगातार दो बार भाजपा को शिकस्त दी। पहले 2021 के विधानसभा चुनाव में और फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में। इसके बावजूद वे चुपचाप नहीं बैठी हैं। उन्होंने भाजपा को कमजोर करने की मुहिम जारी रखी है। उनका ध्यान उत्तरी बंगाल पर है, जहां भाजपा ने अपना आधार मजबूत किया है। भाजपा के नेता इस इलाके को अलग राज्य बनवाने की भी बातें करते रहते हैं। इस इलाके में भाजपा को 2019 में बड़ी जीत मिली थी। विधानसभा चुनाव में भी कूचबिहार की आठ में से छह सीटों पर भाजपा जीती थी। लेकिन 2024 में ममता बनर्जी ने पासा पलट दिया। भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक को कड़े मुकाबले में तृणमूल कांग्रेस के जगदीश चंद्र बर्मा बासुनिया ने हरा दिया। अब ममता इस इलाके में अपनी पार्टी का आधार और मजबूत करने के लिए लगातार दौरे कर रही हैं।

कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद ममता बनर्जी उसके घायलों से मिलने सिलिगुड़ी गईं तो वे भाजपा के राज्यसभा सांसद नागेंद्र रॉय उर्फ अनंत महाराज से मिलने चलीं गईं। वे कूचबिहार के हैं और इस इलाके के राजबंशी समुदाय के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। तभी भाजपा ने उनको राज्यसभा में भेजा था। लेकिन जब ममता उनसे मिलने गईं तो उन्होंने दरवाजे से बाहर आकर ममता का स्वागत किया। नागेंद्र रॉय उर्फ अनंत महाराज ने उनको उतरीय ओढ़ा कर सम्मान किया। ममता की पार्टी के नेता अरुण बिस्वास भी उनके साथ थे। तृणमूल कांग्रेस के कई नेता ममता के इस कदम के पक्ष में नहीं हैं। उनको लग रहा है कि कूचबिहार जीतने के बाद तृणमूल मजबूत हो गई है। लेकिन ममता संतुष्ट नहीं हैं। आखिर भाजपा को 46 फीसदी से ज्यादा वोट इस सीट पर मिला। तभी राजबंशी वोट पर ममता की नजर है।

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