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भाजपा-तृणमूल के बीच नोक झोक

नयी दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच तृणमूल सदस्य साकेत गोखले की टिप्पणियों को लेकर तीखी नोक झोक हुई और सभापति ने कहा कि वह श्री गोखले की कुछ टिप्पणियों को कार्यवाही से हटा रहे हैं तथा बाद में इस पर अपनी व्यवस्था देंगे।

सदन में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा की शुरूआत करते हुए श्री गोखले ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दुरूपयोग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में अनेक मामले दर्ज किये गये हैं।

सदन में मौजूद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सदन में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा हो रही है और सीबीआई गृह मंत्रालय के अंतर्गत नहीं आती। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में जो भी मामले दर्ज किये हैं वे चुनावी हिंसा के संबंध में हैं और उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के निर्देश पर दर्ज किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इन मामलों में परिणाम इसलिए नहीं आ रहा है क्योंकि पश्चिम बंगाल में सीबीआई की एक भी विशेष अदालत नहीं है।

इसके बाद श्री गोखले ने श्री शाह के बारे में दो ऐसी टिप्प्णियां की जिनसे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य उत्तेजित हो गये। नेता सदन जगत प्रकाश नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेण रिजिजू ने कहा कि सदस्य को अपनी टिप्पणी वापस लेनी चाहिए और सदन से माफी मांगनी चाहिए।

सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्य से कहा कि वे अपनी टिप्पणी को वापस ले लें क्योंकि इनमें से एक टिप्पणी सदस्य पर व्यक्तिगत हमला है जबकि दूसरी टिप्पणी एक जाति के खिलाफ है। श्री गोखले द्वारा इस पर असहमति जताने पर उन्होंने कहा कि सदस्य की टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह मामला उनके विचाराधीन है और इस पर बाद में व्यवस्था दी जायेगी।

इससे पहले श्री गोखले ने कहा कि पश्चिम बंगाल के गृह मंत्रालय पर 386 करोड़ रूपये बकाया हैं और इसका भुगतान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में खुफिया ब्यूरो के निदेशक ने इसमें संरचनात्मक बदलाव किये जाने की मांग की थी लेकिन 11 वर्षों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने एनआईए के कामकाज पर भी सवाल उठाया और कहा कि इसका दुरूपयोग किया जा रहा है। उन्होंने नेताओं के फोन टेप करने के मामलों को याद करते हुए कहा कि इसके लिए गठित समिति का सरकार ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया। उन्होंने एनआरसी और सी ए ए से संबंधित अधिसूचना न किये जाने का भी सवाल उठाया। उन्होंने मणिपुर की स्थिति का भी उल्लेख किया और कहा कि राज्यों को एक एक कर निशाना बनाया जा रहा है।

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