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विदेशी धरती से अपमान क्या अलग होता है?

राहुल

राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं तो वे कुछ न कुछ ऐसा बोलते हैं, जिसका भारत में विरोध किया जाता है और भारतीय जनता पार्टी के नेता व प्रवक्ता राहुल गांधी को निशाना बनाते हैं। जैसे राहुल अभी अमेरिका के बोस्टन गए तो वहां छात्रों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है। उन्होंने महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी की बात कही। इस पर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि राहुल की आदत हो गई कि विदेशी धरती पर जाकर भारत का अपमान करें। चुनाव आयोग ने भी बाद में राहुल की बातों का जवाब दिया।

राहुल बनाम मोदी: विदेश में बयान युद्ध

अब सवाल है कि विदेशी धरती पर भारत सरकार की किसी संस्था पर लगाए गए आरोप से क्या ज्यादा अपमान होता है? क्या वही आरोप भारत में रह कर लगाए जाते हैं तो उसकी तीव्रता कम होती है और उसमें कम अपमान होता है? भारत में कही गई कौन सी ऐसी बात है, जो राहुल ने कही और दुनिया में लोगों ने नहीं सुनी? जब संसद में खड़े होकर उन्होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाए और गड़बड़ी की बात कही है तो उससे ज्यादा बड़ा मंच कौन सा है, जहां से आरोप लगाने से ज्यादा अपमान होगा? यह फालतू की बात है कि विदेशी धरती पर जाकर अपमान किया।

अगर अपमान की बात है तो भारत में कहें या विदेश में कहें उससे समान रूप से ही अपमान होगा। लेकिन भाजपा के लोग विदेश में जाकर अपमान करने के आरोप लगाएंगे और जवाब में कांग्रेस के लोग नरेंद्र मोदी के वीडियो खोज कर ले आएंगे, जिसमें वे दक्षिण कोरिया में कह रहे थे कि क्या देश है भारत, क्या पाप किए थे, जो भारत में पैदा हो गए। इस आधार पर कांग्रेस के लोग कहेंगे कि मोदी विदेशी धरती पर भारत का अपमान कर रहे थे। इस तरह दोनों का खेल चलता रहता है।

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Pic Credit: ANI

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