छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दावा करते हैं कि दुनिया में आज भारत का जितना भी…
Category: आज का लेख
कृषि कानूनों पर उलटी बातें
हैरानी की बात है कि केंद्र सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों और उसके विरोध में…
राहुल के इकबाल को बागियों की चुनौती
जम्मू कश्मीर के लोग उस समय हंस रहे थे जब कपिल सिब्बल वहां कह रहे थे…
लोकतंत्र के आंदोलनजीवी और भाषणजीवी
लोकतंत्र को शक्ति उसकी जागरूक जनता से मिलती है। लोकतंत्र की मर्यादाएं सरकार से लेकर हर…
किसान-आंदोलन की साख़ पर सवाल
ग्यारह दौर की वार्त्ता, निरंतर किसानों से संपर्क और संवाद साधे रखने के प्रयास, उनकी हर…
मोदी सरकार का एजेंडा बदल गया
दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का एजेंडा बदला हुआ है। यह बदलाव हर…
वैक्सीनेशन कोई इवेंट नहीं है!
बहुत समय नहीं हुआ, जब इवेंट का मतलब सिर्फ कल्चरल इवेंट होता था। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के…
कृषि कानून इतने जरूरी क्यों हैं?
केंद्र सरकार अपने बनाए तीन कृषि कानूनों को इतना जरूरी क्यों मान रही है कि उस…
ऐतिहासिक बजट कैसा होगा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और दूसरा बजट तैयार कर रही हैं। उनके पहले बजट ही हाईलाइट…
बंगाल में एडवांटेज ममता है!
पश्चिम बंगाल में अगले चार महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ममता बनर्जी लगातार तीसरी…
दबाव में किसान नहीं झुकेंगे!
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कमाल की बात कही है। उन्होंने केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर…
चीन से कब तक लुका-छिपी खेलेंगे?
क्या दुनिया के किसी संप्रभु देश के बारे में ऐसा सोचा जा सकता है कि उसका…
वायरस को हल्के में न ले दुनिया!
दुनिया के अनेक देश कोरोना वायरस को हल्के में ले रहे हैं। दुनिया के जिन देशों…
बयानों की जवाबदेही तय होना जरूरी
भारत में नेताओं को कुछ भी बोलने की आजादी है। पहले आमतौर पर चुनावी सभाओं में…
जम्मू कश्मीर चुनाव के सबक
जम्मू कश्मीर में हुए जिला विकास परिषद यानी डीडीसी चुनाव के नतीजों के कई सबक हैं…
सरकार कैसी आर्थिकी बनाना चाहती है?
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में बहुत ज्यादा…
केवल विरोध के लिए विरोध की मानसिकता
सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा दायर की गई जनहित याचिका के आधार पर फ़िलहाल नए…
किस चीज में सुधरे हालात?
पिछले साल यानी 2019 में दुनिया भर के देशों में मानव विकास की स्थिति पर जारी…
आपातकाल पर समग्रता से विचार हो
अगर सुप्रीम कोर्ट 45 साल पहले लगाए गए आपातकाल की संवैधानिकता की समीक्षा करने का फैसला…
आंदोलनकारियों की कौन सुन रहा है?
केंद्र सरकार के बनाए तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को आंदोलन करते 20 दिन…
संविधान, लोकतंत्र भी रिटायर होंगे?
केंद्र सरकार ने संसद भवन की इमारत को रिटायर करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने…
दक्षिण के क्षत्रपों का भाजपा प्रेम!
दक्षिण भारत के कई क्षत्रप भाजपा की बढ़ती ताकत से घबराए हुए हैं। हैदराबाद नगर निगम…
मील का पत्थर होगा नया संसद-भवन
लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था रखने वाले सभी भारतीयों की आँखों में आज भी वह चित्र जीवंत…
अराजक प्रवृत्तियाँ लोकतंत्र के लिए घातक
लोकतंत्र में जन-भावनाओं एवं जन-आंदोलनों की महत्ता को खारिज़ नहीं किया जा सकता। स्वतंत्रता-पूर्व से लेकर…
पृथक पहचान की राजनीति घातक
एआईएमआईएम के जीतकर आए विधायकों ने शुरुआत में ही अपने रंग दिखाने प्रारंभ कर दिए हैं।…
यह सोनिया युग की समाप्ति है!
अहमद पटेल का जाना क्या सोनिया गांधी के राजनीतिक युग की समाप्ति का संकेत है
मंडल के साए में आखिरी चुनाव?
तो क्या यह माना जाए कि बिहार में इस बार हुआ विधानसभा का चुनाव मंडल राजनीति…
भाजपा के लिए आसान नहीं होगा बिहार
बिहार चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ है कि कंट्रोल भारतीय जनता पार्टी के हाथ में…
