सर्वजन पेंशन योजना
  • महान वैज्ञानिक महर्षि भरद्वाज

    महर्षि भारद्वाज की अन्य दो पुत्रियाँ भी थीं, जिनमें से एक मैत्रेयी महर्षि याज्ञवल्क्य से और दूसरी इडविडा (इलविला) विश्रवा मुनि से ब्याही गई थीं। इन्हीं विश्रवा-इडविडा के पुत्र अर्थात अपने सौतेले भाई यक्षराज कुबेर से स्वर्ण-नगरी लंका ओर पुष्पक विमान को रावण ने छीन लिया था। ॠग्वेद के षष्टम मण्डल के द्रष्टा भारद्वाज ऋषि हैं। इस मण्डल में भारद्वाज के 765 मन्त्र अंकित हैं। अथर्ववेद में भी भारद्वाज के 23 मन्त्र अंकित हैं। great scientist maharishi bharadwaj श्राद्ध पक्ष में पूर्वजों को नमन- 4:  ऋग्वेद के मन्त्रों के सप्तद्रष्टाओं में अनन्यतम स्थान रखने वाले मन्त्र द्रष्टा महर्षि भरद्वाज (भारद्वाज)...

  • विश्वामित्र: राजर्षि से ब्रह्मर्षि वाले एकमात्र ऋषि

    पुरुषार्थ, सच्ची लगन, उद्यम और तप की गरिमा के प्रतिमान महर्षि विश्वामित्र ने अपने पुरुषार्थ से, अपनी तपस्या के बल से क्षत्रियत्व से ब्रह्मत्व पद अर्थात राजर्षि से ब्रह्मर्षि पद प्राप्त करने के कारण ही वे देवताओं और ऋषियों के लिए पूज्य बन गए और सप्तर्षियों में अन्यतम स्थान प्राप्त कर सबके लिये वे वन्दनीय भी बन गये। इन्हें अपनी समाधिजा प्रज्ञा से अनेक मन्त्रस्वरूपों का दर्शन हुआ। यही कारण है कि वे मन्त्रद्रष्टा ऋषि कहलाते हैं। pitru paksha 2021 shraaddh श्राद्ध पक्ष में पूर्वजों को नमन-2  संदेह नहीं कि पुरातन भारतीय वाङ्मय के पूर्ण पुरुष, तपस्वी, साधक, रागी, विरागी...

  • दिनकर : मानवता के गौरव–गायक

    मूलतः दिनकर मानवता के कवि हैं। मानवता से तात्पर्य है कि मानव संपूर्ण प्राणियों मे विवेकशील, बौद्धिक चेतना संपन्न और श्रेष्ठ्ता के शीर्ष पर है। अतः उसका उसका नैतिक धर्म है कि वह धरती के अन्य सभी प्राणियों के प्रति त्याग, दया, ममता, सहिष्णुता, क्षमा एवं उदारता आदि उदात्त गुणों का परिचय दे। Ramdhari singh dinkar jayanti दिनकर भारतीय संस्कृति के गौरव-गायक हैं। दिनकर ने अपने समय के चुनौतियों से मुठभेड़ करते हुए मानवता का पथ आलोकित किया है। वे अतीत के गायक ही नहीं, बल्कि वर्तमान के दृष्टा कवि हैं। उन्होंने मानवता के गीत गाए हैं, जो उन्हें कालजयी...

  • ऋषि वसिष्ठः विराट व सचमुच विशिष्ठ

    क्यों यह माना जाने लगा कि वसिष्ठ जैसा महान व्यक्ति सामान्य मनुष्य नहीं, बल्कि कोई लोकोत्तर पुरुष होना चाहिए? वशिष्ठ ने गृहस्थाश्रम की पालना करते हुए ब्रह्माजी के मार्गदर्शन में उन्होंने सृष्टि वर्धन, रक्षा, यज्ञ आदि से संसार को दिशाबोध दिया। अपने विशिष्ट जनों को, महान नायकों को दैवी महत्व देने की भारतीय परम्परा में तुलसीदास को वाल्मीकि का अवतार तो विवेकानंद को शंकराचार्य की तरह शिव का रूप मान लिए जाने की भांति ही वशिष्ठ जैसे महा प्रतिभाशाली व्यक्ति को ब्रह्मा का मानस  पुत्र मान लिया गया। pitru paksha 2021 shraaddh . श्राद्ध पक्ष में पूर्वजों को नमन-1:  दशरथ...

  • श्राद्ध पक्ष विशेष: सप्तर्षियों से वेद मन्त्र बचे

    वेदों के अध्ययन से इस सत्य का सत्यापन होता है कि वेद मन्त्रों को सूत्रबद्ध करने अर्थात वर्तमान रूप में उनकी रचना में  अनेकानेक ऋषियों का योगदान रहा है, परन्तु इनमें सात ऋषि ऐसे प्रतीत होते हैं, जिनके कुलों में मन्त्र रचयिता ऋषियों की एक लम्बी परम्परा रही है।... श्राद्ध पक्ष में सप्तर्षियों के योगदान, महत्व को स्मरण कर उनको नमन, उनके प्रति श्रद्धा प्रदर्शन, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर ही श्राद्ध पक्ष की सार्थकता को सिद्ध करने की उम्मीद की जा सकती है। pitru paksha shradh 2021 वैदिक मतानुसार वेद परमात्मा का ज्ञान है, और संसार में रहते हुए मनुष्यों...

  • ‘सारे घर के बदलने’ के प्रयोग पर अटकलें….?

    भोपालI गुजरात में नए मंत्रिमंडल के शपथ मंच पर लिखा था- ‘‘अमृत महोत्सव के अवसर पर’’। यह सही है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने जो ‘‘सारे घर के बदलने’’ का नया राजनीतिक प्रयोग किया उसे लेकर राजनीतिक, बुद्धिजीवी तथा अन्य तबकों ने काफी दिलचस्प अटकलों का दौरा जारी है, इस राजनीतिक प्रयोग की दो अहम् बातें है, पहली अनुभव व वरिष्ठता को नकारा गया, दूसरे नई सरकार में किसी भी ‘भूतपूर्व’ को शामिल नहीं किया गया। सभी वरिष्ठ व अनुभवी नेता इस आकस्मिक हादसे से हतप्रभ है, हर कहीं एक ही सवाल...

  • तब कांग्रेस में हार्दिक पटेल का क्या मतलब?

    यह किसी के भी समझ में न आनेवाली बात है कि आखिर कांग्रेस अपने संभावनाशील युवा नेताओं की कद्र क्यों नहीं कर पा रही। हार्दिक पटेल जैसे क्षमतावान व चहेते युवा नेता को ताकत देने के मामले में भी कांग्रेस की कंजूसी समझ से परे हैं। गुजरात में वैसे भी कांग्रेस के पास खोने को बाकी रहा क्या है! hardik patel congress party लेखक: निरंजन परिहार भारतीय राजनीति में युवा नेतृत्व की कमी है। लेकिन कमी के इस माहौल में हार्दिक पटेल वो युवा चेहरा है, जिनकी राजनीति न केवल गुजरात की नई पीढ़ी में उम्मीद जगाती है, बल्कि देश...

  • व्यवहार की भाषा ही देश की भाषा हो

    समाज की भाषा, नित्यप्रति के व्यवहार का माध्यम तो अपने-अपने देश की भाषा ही होनी चाहिये और होगी और अपने समाज का साहित्य और इतिहास उस देश की भाषा में अनूदित करने का प्रयत्न करना चाहिये, ताकि भावी पीढ़ी अपने मूल भारतीय समाज से कट कर रह न जाये। जातीय भाषा उस देश की भाषा ही होनी चाहिये जिस देश में समाज के घटक निवास करते हों । language of the country जातीय अर्थात राष्ट्रीय उत्थान और सुरक्षा के लिये किसी भी देश की भाषा वही होना श्रेयस्कर होता है, जो जाति अर्थात राष्ट्र के कामकाज और व्यवहार की भाषा...

  • श्रीकृष्ण का कोमल, रसिक चित्रण क्यों अधिक?

    Radha krishna janmashtami 2021 संपूर्ण जीवन ''परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्'' का पर्याय रहा। वे बल-पौरुष-साहस के अधिष्ठाता रहे। उन्होंने केवल शब्दों से ही नहीं, अपितु अपने चरित्र और आचरण से क्लीवता एवं कायरता के स्थान पर पौरुष और पराक्रम का संदेश दिया। युद्ध से पलायन को उद्धत-अभिमुख अर्जुन को श्रीकृष्ण के संदेशों से ही 'धर्म संस्थापनाय' लड़ने की प्रेरणा मिली। लेकिन... सत्य, अहिंसा, करुणा, प्रेम आदि शाश्वत भाव हैं और किसी भी सभ्य समाज में इन मूल्यों को पालित-पोषित करने की परंपरा और प्रवृत्तियाँ दिखाई देती हैं। भारत ने तो इन मूल्यों को सदैव ही सर्वोपरि माना। यहाँ की...

  • एक तरफ बाढ़ तो दूसरी ओर सूखा!

    flood and drought situation कभी चेन्नई में 200 फुट नीचे पानी मिल जाता था वहीं आज भूजल 2000 फुट पर भी नहीं है। यह एक गम्भीर व भयावह स्थिति है। ये चेतावनी है भारत के बाकी शहरों के लिए कि अगर समय से नहीं जागे तो आने वाले समय में ऐसी दुर्दशा और शहरों की भी हो सकता है। चेन्नई में प्रशासन देर से जागा और अब वहाँ बोरिंग को पूरी तरह प्रतिबंध कर दिया गया है। लेखक: विनीत नारायण आज देश में जल संकट इतना भयावह हो चुका है कि एक ओर तो देश के अनेक शहरों में सूखा...

  • बरसो राम धड़ाके से

    accidents on the mountains आज भारत का हर पहाड़ी पर्यटन केंद्र बेतरतीब, अनियोजित, भौड़े और अवैध शहरीकरण का भद्दा नमूना प्रस्तुत कर रहा है। इस कदर निर्माण हुआ है कि इन शहरों का प्राकृतिक सौंदर्य खत्म हो गया है। .... स्विट्जरलैंड की सरकार हो या योरोप के पर्यटन केंद्रों की सरकारें, सभी अपने प्राकृतिक और सांस्कृतिक वैभव को बिगड़ने नहीं देती। पर्यटन वहां भी खूब बढ़ रहा है, पर नियोजित तरीके से उसको संभाला जाता है और धरोहरों और प्रकृति से छेड़छाड़ की अनुमति किसी को नहीं है। हम ऐसा क्यों नहीं कर सकते? लेखक: विनीत नारायण हिमाचल की सांगला...

  • नामवर जी को किस रूप में याद किया

    Hindi literature namvar singh आलोचना की दुनिया में उनकी पुस्तक "छायावाद" ने उन्हें स्थापित किया जो उन्होंने महज 29 साल की उम्र में लिखी थी। आज हिंदी का कोई भी छात्र इतनी कम उम्र में ऐसी किताब नहीं लिख सकता और किसी ने आज तक लिखा भी नहीं। यह नामवर जी की विलक्षण प्रतिभा का कमाल था। उन्होंने छायावाद के बारे में रामचंद्र शुक्ल और नंद दुलारे बाजपेई की स्थापनाओं से एक अलग स्थापना विकसित की और उसे राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़ कर देखा। उनकी इस स्थापना से उन्हें साहित्य में मान्यता मिली लेकिन इससे पहले उनकी पुस्तक "बकलम खुद"...

  • भरे नहीं है बंटवारे के जख्म

    Partition of India Pakistan पंजाब और दोनों सीमाओं के आर-पार के लोगों ने बंटवारे के वक्त जो झेला है वो इतना भयावह था कि तब की पीढ़ी के जो लोग अभी भी ज़िंदा हैं वो आज तक उस मंजर को याद कर नींद में घबरा कर जाग जाते हैं और फूट-फूट कर रोने लगते हैं।... इनका दुःख दूर करने का काम किया है दोनो देशों के टीवी मीडिया के कुछ उत्साही नौजवानों ने। इनमें ख़ासतौर पर हिंदुस्तान से 47नामा, केशु मुलतानी की केशु फ़िल्मस, धरती देश पंजाब दियाँ और पाकिस्तान से संताली दी लहर, पंजाबी लहर, एक पिंड पंजाब दा,...

  • तालिबान का यह कौन सा इस्लाम?

    islam of taliban : इस्लाम में न मर्दों के लिए दाढ़ी रखना ज़रूरी है और न हीं महिलाओं पर किसी तरह की पाबंदी है। न बाहर आने जाने पर और न ही पढ़ाई करने पर। फिर सवाल पैदा होता है कि ऐसी पबंदिया लगा कर तालिबान अफ़गानिस्तान में इस्लाम के नाम पर कैसी हुकुमत क़ायम करना चाहता है? सच तो यह है कि उसकी पिछली हुकुमत और नए मंसूबों का इस्लामे के बुनियादी उसूलों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं दिखता। लेखक: यूसुफ़ अंसारी अफ़ग़ानिस्तान में अभी भी चुनी हुई सरकार है। सत्ता तालिबान के हाथों नहीं आई है, पर...

  • कांग्रेस मुक्त भारत की बात फालतू

    भारत के हर राजनैतिक दल को यह समझ लेना चाहिए कि लोकतांत्रिक मूल्यों से खिलवाड़ करना, हमेशा ही राष्ट्र और समाज के हित के विपरीत होता है। वैसे इतिहास गवाह है कि कोई भी अधिनायक कितना ही ताकतवर क्यों न रहा हो, जब उसके अर्जित पुण्यों की समाप्ति होती है, तो उसका अंत बहुत हिंसक और वीभत्स होता है। इसलिए हर नेता, दल व नागरिक को पूरी ईमानदारी से भारत के लोकतंत्र को मजबूत बनाने का प्रयास करना चाहिए, कमजोर करने का नहीं। लेखक: विनीत नारायण  congress free india सन् 2014 के बाद से भाजपा नेतृत्व का देश को कांग्रेस...

  • चित्रकूट में संघ चिंतन और योगी

    chitrakoot yogi adityanath : आश्चर्य की बात यह है कि जिस घबराहट में संघ आज सक्रिय हुआ है अगर समय रहते उसने चारों तरफ़ से उठ रही आवाज़ों को सुना होता तो स्थिति इतनी न बिगड़ती। पर ये भी हिंदुओं का दुर्भाग्य है कि जब-जब संघ वालों को सत्ता मिलती है, उनका अहंकार आसमान को छूने लगता है। देश और धर्म की सेवा के नाम फिर जो नौटंकी चलती है उसका पटाक्षेप प्रभु करते हैं और हर मतदाता उसमें अपनी भूमिका निभाता है। लेखक: विनीत नारायण chitrakoot yogi adityanath : उत्तर प्रदेश के चुनाव कैसे जीते जाएं इस पर गहन...

  • जिन्हें कोरोना ने कहीं का नहीं छोड़ा

    COVID crisis children risk | मां और पिता कोरोना से मर गए और दोनों बच्चे अपने चाचा और चाची के पास हैं। 14 जून की रात ओडिशा के कई स्थानीय टीवी चैनलों पर लोगों ने इस सात साल की बच्ची को झूला झुला कर अपने डेढ़ महीने के भाई को सुलाने की कोशिश करते देखा। दिहाड़ी पर काम करने वाले उसके चाचा देबाशीष के लिए अपने परिवार के अलावा दो अतिरिक्त बच्चों को पालना बहुत मुश्किल है। वह चाहता था कि जिला प्रशासन या सरकार उसकी मदद करे।... कोरोना ने देश के कितने घरों की जिंदगियों को इस तरह उलट-पलट...

  • लेफ्ट का वोट निगल कर भाजपा बनी विपक्ष

    पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपनी पूरी ताक़त झोंकी। इसके बावजूद वो ममता बनर्जी को सत्ता से इंच भर भी डिगा नहीं पाई। उखाड़ फेंकना तो बहुत दूर की बात है। हां, बीजेपी राज्य में मुख्य विपक्षी दल ज़रूर बन गई है। बीजेपी के मुख्य विपक्षी दल बन जाने के बाद ममता बनर्जी की चुनौतियां बेतहाशा बढ़ जांएगी। ममता से चोट खाई बीजेपी उन्हें अगले पांच साल आराम से सरकार नहीं चलाने देगी। ममता को परेशान करने लायक ताक़त बीजेपी ने चुनानों में मिले वोटों से बटोर ली है। ममता बनर्जी ने गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी...

  • देश के हाई कोर्ट्स को सलाम

    देश की उच्च न्यायपालिका में लोगों के कम होते भरोसे की मजबूत होती धारणा के बीच देश की उच्च अदालतों ने रोशनी की किरण दिखाई है। दिल्ली से लेकर मद्रास हाई कोर्ट और इलाहाबाद से लेकर गुजरात हाई कोर्ट तक ने कमाल किया है। कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में जब देश की सर्वोच्च अदालत तक इस धारणा के साथ काम कर रही है कि सरकार के प्रशासकीय कामकाज में न्यायिक दखल नहीं होना चाहिए, ऐसे समय में हाई कोर्ट्स ने रास्ता दिखाया है। कम से कम चार हाई कोर्ट्स ने राज्य सरकारों को जिम्मेदार बनाने वाली टिप्पणियां की...

  • बहुत सही कहा अनमोल अंबानी ने!

    अब तक राजीव बजाज यह कहते रहे थे कि लॉकडाउन बिना सोचे-समझे किया गया एक गलत फैसला था, जिसने देश की अर्थव्यवस्था को गर्त में पहुंचा दिया। यही बात अब अनिल अंबानी के बेटे अनमोल अंबानी ने कही है। राजीव बजाज का कहना समझ में आता है क्योंकि वे राहुल बजाज के बेटे हैं और जमनालाल बजाज के पोते हैं। उनका परिवार आजादी की लड़ाई में शामिल था और सच कहने की विरासत उनके डीएनए में है। लेकिन हैरानी की बात है कि जिस अनिल अंबानी की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वाधिक बदनाम हुए, उनके ऊपर राफेल सौदे में...

और लोड करें