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  • ज्योतिरादित्य सिंधिया न घर के रहे न घाट के

    ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल तो हो गए। इस वजह से मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई। भाजपा ने सरकार बना ली। शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन गए। लेकिन उसके बाद सिंधिया घर के रहे न घाट के। एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसके मुताबिक सिंधिया मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल के गठन में अपनी भूमिका मजबूत करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का समय मांगा। कहा गया- अमित शाह से मिल लें। अमित शाह ने उन्हें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने...

  • उप्र में सेनेटाइजर पिलाकर एक युवक को मार डाला

    उत्तर प्रदेश के रामपुरमें कुछ लोगों ने एक युवक को जबरन सेनेटाइजर पिलाकर मार डाला। वह कोरोना वायरस से बचाव के लिए कार्य कर रहा था। घटना पेमपुर गांव की है। पिछले 14 अप्रैल को मुतियापुरा गांव निवासी 19 वर्षीय कुंवरपाल अपने साथी हुलासी के साथ पेमपुर में हाइकेन कीटनाशक का छिड़काव कर रहा था। स्थानीय युवक इंद्रपाल पर उसके छींटे लगे, जिससे वह नाराज हो गया। इंद्रपाल में अपने चार साथियों के साथ मिलकर कुंवरपाल की पिटाई कर दी और उसे जबरन कीटनाशक पिला दिया। गांव के लोग कुंवरपाल को तत्काल बिलासपुर स्थित एक चिकित्सक के पास ले गए।...

  • उप्र-उत्तराखंड सीमा पर लॉकडाउन के दौरान हुई शादी

    उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा पर लॉकडाउन का पालन करते हुए खेमकरण की शादी हो गई। खेमकरण की बारात उप्र के गांव मिलक से उत्तराखंड जा रही थी, जिसे पुलिस ने सीमा पर रोक लिया। वर पक्ष को पास खेमकरण के साथ तीन अन्य लोगों को जाने की अनुमति प्रशासन ने दे दी थी। वधू पक्ष के पास ऐसी कोई अनुमति नहीं थी। वधू पक्ष को सीमा पर बारात रोके जाने का पता चला तो वे वहां इकट्ठा हो गए। शादी टालने के बारे में विचार होने लगा। वधू पक्ष के लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अनुमति मांगी, जो नहीं...

  • मध्य प्रदेश में नई सरकार के सामने दिक्कतें

    मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को गिराकर भाजपा ने सरकार बना ली है, लेकिन मंत्रिमंडल के गठन में समस्याएं पैदा हो गई हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायक भाजपा में शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समझ नहीं पा रहे हैं कि किसे मंत्री बनाएं और किसे नहीं। लॉकडाउन खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल का गठन होगा। विधानसभा में कुल 230 विधायक हैं। इस हिसाब से 35 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक शुरू में करीब 28 विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे, जिनमें से 10 सिंधिया समर्थक विधायक शामिल हो सकते हैं।...

  • देश में पहली बार 21 दिन का लॉकडाउन

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से बचने के लिए मंगलवार 24 मार्च 2020 की रात 12 बजे से 21 दिन तक पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। यह एक अद्भुत और आश्चर्यजनक घोषणा है। भारतीय जनसंख्या का स्वरूप क्या है और रोज कमाकर खाने वालों का जीविकोपार्जन 21 दिन तक कैसे होगा, यह विचार इसके पीछे नहीं है। मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की घोषणा की थी, जिसका लोगों ने समर्थन किया और उनकी अपील पर शाम पांच बजे ताली, थाली, घंटी आदि बजाई। इसके बाद विभिन्न राज्य सरकारों ने लॉकडाउन की घोषणाएं की।...

  • सिंधियाजी के दिल में कुछ, मुंह में कुछ : राहुल गांधी

    ज्योतिरादित्य सिंधिया के पलटी मारने और तरह-तरह की बड़ी-बड़ी बातें करने के बाद उनके मित्र राहुल गांधी ने पहली बार चुप्पी तोड़ी। गुरुवार को संसद के परिसर में उन्होंने कहा, सिंधियाजी को मैं बहुत अच्छी तरह से जानता हूं, वह मेरे साथ कॉलेज में थे, उन्हें अपने भविष्य को लेकर डर लगा, उन्होंने अपनी विचारधारा को जेब में डाल लिया और आरएसएस के साथ चले गए।“ उन्होंने कहा, “वास्तविकता है कि उन्हें वहां सम्मान नहीं मिलेगा, वह समझ जाएंगे, उनके दिल में जो है और मुंह से जो निकल रहा है, वो अलग अलग चीज है। गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य...

  • चहुंओर कोरोना की चर्चा, बन गया बीमारियों की महारानी

    भारत में कोरोना वायरस के 73 मामले पुष्ट पाए गए हैं। दिल्ली सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित करते हुए इसे बीमारी की महारानी बना दिया है। स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर आदि बंद कर दिए गए हैं। लोग कोरोना से डरकर पढ़ाई छोड़ दें, सिनेमाघरों में फिल्में देखना बंद कर दें। परस्पर स्पर्श से दूर रहें। कोरोना से बचने की अपील हर मोबाइल फोन के रिंगटोन में जोड़ दी गई है। जब भी ऐसी बीमारियां मनुष्यों के समाज में प्रवेश करती हैं, सरकार को सक्रिय होने का अवसर मिल जाता है। इस समय कोरोना को लेकर सरकार पूरी तरह सक्रिय है।...

  • शेयर बाजार में कोरोना का झटका, पौन घंटा कारोबार बंद

    शुक्रवार 13 मार्च 2020 की सुबह शेयर बाजार को भी कोरोना वायरस का जोरदार झटका लगा और पौन घंटे तक कारोबार रोकना पड़ा। लोअर सर्किट लग गया। जब शेयर बाजार के सूचकांकों में 10 फीसदी से ज्यादा गिरावट आने लगती है तो लोअर सर्किट लगाकर कारोबार रोक दिया जाता है। शुक्रवार को यह घटना 12 वर्षों के बाद हुई। सुबह शेयर बाजार खुलने के बाद कई शेयरों की कीमतें पतनशील अवस्था में दिखीं। बांबे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 6.79 फीसदी ढलान के साथ 30,552.96 के स्तर पर और निफ्टी 7.29 फीसदी की गिरावट के साथ 8890.60 के स्तर पर खुला...

  • मप्र में उठापटक जारी, नई सरकार बनना इतना आसान नहीं

    मध्य प्रदेश की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठेगा, कह नहीं सकते। विधायकों की बाड़ाबंदी जबर्दस्त तरीके से हो रही है। कांग्रेस के 87 विधायकों को राजस्थान में जयपुर के पास दो रिसोर्टों में ठहराया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक बेंगलुरु के एंबेसी बौलीवोर्ड रिसोर्ट में ठहरे हुए हैं। कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी और लखन सिंह विधायक इन विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे थे। वहां तैनात पुलिस कर्मियों के साथ उनकी हाथापाई हुई। दोनों मंत्रियों को बेंगलुरु पुलिस ने हिरासत में ले लिया। गौरतलब है कि कर्नाटक में भाजपा की सरकार है। कांग्रेस का आरोप है...

  • मप्र कांग्रेस के दिग्गजों के सामने बच्चे हैं ज्योतिरादित्य

    ज्योदिरादित्य सिंधिया के पाला बदलने के बाद कई खबरें फिजां में तैर रही हैं। कोई कह रहा है कि राहुल गांधी मिलने का समय नहीं देते थे, जबकि हकीकत यह है कि ज्योतिरादित्य के सोनिया और राहुल से इतने घनिष्ठ संबंध रहे हैं कि वे कभी भी उनके घर जा सकते थे। सोनिया गांधी ने उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के लिए भी कहा था, लेकिन उन्होंने रुचि नहीं दिखाई। राहुल गांधी उनको लंच पर साथ ले गए थे और राज्यसभा सदस्य बनने का प्रस्ताव दिया, उनसे लंबी बातचीत की थी। मां-बेटे ने सपने में भी नहीं सोचा...

  • कांग्रेस के थे, एक झटके में भाजपा के सितारे बन गए

    ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराकर वीरतापूर्ण कार्य किया है। वह पहले कांग्रेस के सितारे थे। अब एक झटके में भाजपा के सितारे बन गए हैं। वह सिंधिया राजघराने के महाराज हैं, लेकिन कांग्रेस के महाराज नहीं बन पाए। जब तक कांग्रेस सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के अधीन है, तब तक यह संभव भी नहीं है। राहुल गांधी से ज्योतिरादित्य ने मित्रता के संबंध बना लिए थे। उसका भी असर नहीं हुआ। मध्य प्रदेश में कांग्रेस जीती तो कमलनाथ मुख्यमंत्री बन गए। ज्योतिरादित्य को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तक नहीं बनाया। महाराजा का...

  • जो दादी ने किया था, 57 साल बाद वही पोते ने किया

    मध्य प्रदेश में वही हुआ, जिसकी आशंका बहुत पहले से थी। मध्य प्रदेश की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया का दबदबा नहीं बन पा रहा था। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे सीनियर नेताओं के कारण उनकी धमक नहीं बन पा रही थी। यहां तक कि उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी नहीं बनाया जा रहा था। ज्योतिरादित्य सिंधिया के मन में खदबदाता हुआ असंतोष होली पर फूट पड़ा और वह मोदी-शाह शरणम गच्छामि हो गए। सिंधिया परिवार की राजनीति में पहले से पाला बदलने की परंपरा है। विजया राजे सिंधिया 1957 में कांग्रेस के टिकट पर शिवपुरी (गुना) लोकसभा सीट से...

  • मोदी-शाह की ठान लेने की आदत से अब जनता दुखी  

    जो कुछ करने की ठान लेता है तो वह करके रहता है। दुनिया की कोई ताकत उसको नहीं रोक सकती। इतिहास में और वर्तमान में भी ऐसे कई उदाहरण है, जिनमें किसी ने कुछ ठाना और फिर वह काम किया। यह जिद कई मामलों में अच्छी है, लेकिन ज्यादातर मामलों में इससे नुकसान ही ज्यादा होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की कुछ न कुछ ठान लेने और उसे पूरा कर दिखाने की आदत अब फायदा कम नुकसान ज्यादा करने लगी है। नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई और सीएए-एनसीआर से सामाजिक सद्भाव की कमर टूट...

  • यस बैंक पर संकट, घबराने की जरूरत नहीं

    एक और बैंक पर संकट के बादल छा गए हैं। यह है निजी क्षेत्र की यस बैंक। रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर पाबंदी लगा दी है और इसके पुनर्गठन की घोषणा की है। इसके साथ ही ग्राहकों को भरोसा दिलाया जा रहा है कि उनकी राशि सुरक्षित है। हालांकि ग्राहकों से कहा गया है कि वे अपने खाते से पचास हजार रुपए से ज्यादा न निकालें। कहीं न कहीं कुछ न कुछ गड़बड़ी अवश्य हुई है। नोटबंदी के बाद से बैंकिंग व्यवस्था में काफी उथल-पुथल हुई है। विभिन्न बैंकों को मिलाकर उनका एकीकरण किया जा रहा है और निजी...

  • कमलनाथ को मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने की सलाह

    मध्य प्रदेश के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष अलग होना चाहिए, जिससे कई समस्याएं हल होंगी। विधायक केपीएस भदोरिया ने भी तन्खा की बात से सहमति जताई। विवेक तन्खा जाने माने वकील हैं और कांग्रेस ने ही उन्हें राज्यसभा में भेजा है। प्रदेश की राजनीति में वह पहली बार इस तरह मुखर दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस विधायक केपीएस विधायक ने भी तन्खा की बातों से सहमति जताई। कई विधायकों को मंत्री नहीं बन पाने की पीड़ा है। जो मंत्री बन गए हैं, उनमें से भी कुछ कमलनाथ से असंतुष्ट हैं। कमलनाथ सरकार को भी संभाल...

  • राज्यसभा की 55 सीटों पर चुनाव की तैयारी

    राज्यसभा की 55 सीटें अप्रैल में खाली हो रही हैं। इनके लिए 26 मार्च को चुनाव हैं। छह मार्च को अधिसूचना जारी होगी। नामांकन की आखिरी तारीख 13 मार्च है। 16 मार्च तक नामांकन की जांच-पड़ताल होगी। नाम वापस लेने की तारीख 18 मार्च है। 26 मार्च को मतदान होगा। उसी नतीजे घोषित हो जाएंगे। महाराष्ट्र की सात, ओडिशा की चार, तमिलनाडु की छह और पश्चिम बंगाल की पांच सीचें दो अप्रैल को खाली होंगी। आंध्र प्रदेश की चार, तेलंगाना की दो, असम की तीन, बिहार की पांच, छत्तीसगढ़ की दो, गुजरात की चार, हरियाणा की दो, हिमाचल प्रदेश की...

  • मप्र में सरकार बची, लेकिन उखाड़-पछाड़ जारी

    मध्य प्रदेश में विचित्र स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस सरकार के बाल-बाल बच जाने के बाद कई विधायकों में छटपटाहट देखी जा रही है। भाजपा खेमे में ज्यादा बेचैनी है। कांग्रेस में दो-तीन गुट हैं। उनसे जुड़े विधायक मिश्रित राग अलाप रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान का बयान है कि कांग्रेस अपने विधायकों को एकजुट नहीं रख पा रही है। दूसरी तरफ कई भाजपा नेता बुरी तरह परेशान हैं कि सरकार अपने पास क्यों नहीं है। अगर कोई दुर्घटना हो गई और कांग्रेस को सत्ता से वंचित होना पड़ा तो शिवराज सिंह ही फिर से मुख्यमंत्री...

  • बाल-बाल बच गई कमलनाथ की सरकार

    मध्य प्रदेश में कमलनाथ की कांग्रेस सरकार गिरते-गिरते बच गई। वह अत्यंत क्षीण अल्पमत पर जिंदा है और भाजपा हमेशा उसको पटखनी देने के लिए तैयार रहती है। जब से विधानसभा चुनाव हुए हैं और कमलनाथ की सरकार बनी है, उसके बाद से ही साम, दाम, दंड, भेद पूरी ताकत से चल रहा है। खबर मिली कि पिछले दिनों ने भाजपा के रणनीतिकारों ने फिर कुछ कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में लाने की कोशिश की और उन्हें गुड़गांव के एक होटल में ठहरा दिया। ऐसे विधायकों की तादाद करीब दस बताई जाती है। इनमें बसपा विधायक राम बाई भी...

  • सोशल मीडिया एकाउंट महिलाओं को समर्पित करेंगे मोदी

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोगों में उत्सुकता पैदा करने वाले काम लगातार करते रहते हैं, जिससे लोगों का उनकी तरफ ध्यान बना रहता है। सोमवार को उन्होंने सोशल मीडिया के एकाउंट छोड़ने का इरादा जाहिर किया। तगड़ी खबर बनी, जो लगातार चलती रही। लाखों लोगों ने मोदी से सोशल मीडिया से नाता नहीं तोड़ने की अपील की। मंगलवार दोपहर मोदी ने ट्वीट किया कि वे अपने सोशल मीडिया एकाउंट आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिलाओं को समर्पित करेंगे। इस तरह प्रधानमंत्री के सोशल मीडिया एकाउंट आठ मार्च से कुछ महिलाएं संभालेंगी। इन एकाउंटों में ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम...

  • मोदी के ट्वीट से सोशल मीडिया में भूचाल

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोशल मीडिया से नाता तोड़ने वाले हैं। बहुत हो गया। और अब वैसे भी जरूरत नहीं रही। जब प्रधानमंत्री नहीं थे, तब सोशल मीडिया ही बहुत बड़ा सहारा था। अब पांच साल प्रधानमंत्री रह लिए और दूसरी बार और ज्यादा बहुमत से फिर जीतकर प्रधानमंत्री बन गए। अब सोशल मीडिया की क्या जरूरत है? सोशल मीडिया के अलावा जो मीडिया है, वह तो पूरी तरह अनुकूल हो ही चुका है। तमाम टीवी चैनल और अखबार अब सरकार के खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं करते हैं। सोशल मीडिया ही है, जिसमें सरकार की आलोचना हो रही है। मोदी...

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