आरएसएस
हमें अपने लिए अपने धर्म और पूजा की परंपरा के प्रति सम्मान की भावना पैदा करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के बारे में कथित टिप्पणियों के संबंध में मुंबई पुलिस ने 76 वर्षीय जावेद अख्तर (Javed Akhtar) के खिलाफ आज सोमवार को FIR दर्ज कर ली है।
इन्फोसिस के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप लगाने के बाद आरएसएस के झुकाव वाली पत्रिका पांचजन्य ने अब जेफ बेजोस पर हमला किया है। जेफ बेजोस ने अमेज़ॅन की स्थापना की।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ ने एक बार फिर केंद्र सरकार को मुश्किल में डाल दिया था। पिछले दिनों ‘पांचजन्य’ की कवर स्टोरी इंफोसिस के ऊपर थी और उसे देश विरोधी कंपनी बताया गया था।
प्रदेश में पार्टी के पक्ष में सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए भाजपा चौतरफा प्रयास कर रही है।
शिव सेना ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की तुलना तालिबान से किए जाने के मसले पर संघ का बचाव किया है।
दुनिया भर में सबसे सम्मानित भारतीय कंपनियों में से एक इंफोसिस को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने देश विरोधी कहा है।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मुखपत्र पांचजन्य में सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस को देशविरोधी बताने वाली कवर स्टोरी से आरएसएस ने खुद को अलग कर लिया है और कंपनी की तारीफ भी की है।
जुलूस कलश यात्रा के तहत दिवंगत कल्याण सिंह की अस्थियां नरोरा नदी के साथ-साथ काशी में गंगा, अयोध्या में सरयू नदी और प्रयागराज संगम में विसर्जित की जाएंगी।
rss says rahul gandhi : कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पार्टी के लोगों को बगावत के लिए उकसा रहे हैं। यह बात कांग्रेस के ही एक-दो जानकार नेताओं ने कही है। शुक्रवार को राहुल गांधी ने सोशल मीडिया में पार्टी के लिए काम करने वाले करीब साढ़े तीन हजार लोगों के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंदर जो लोग डरे हुए हैं वे आरएसएस ( rss says rahul gandhi ) के लोग हैं और उनको आरएसएस के साथ ही चले जाना चाहिए। उन्होंने इसी क्रम में ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम लिया और कहा कि उनको अपना महल और धन संपत्ति बचाने की चिंता थी इसलिए भाजपा में चले गए। ध्यान रहे कांग्रेस में ऐसे नेताओं की कमी नहीं है, जिनको अपनी कमाई बचाने की चिंता है और केंद्रीय एजेंसियों के जाल में फंसने का डर है। यह भी पढ़ें: तालिबानः भारत पहल कब करेगा ? ध्यान रहे इससे पहले कांग्रेस के 23 नेताओं ने भी जब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी और पार्टी में चुनाव कराने की बात कही थी तब भी राहुल ने कह दिया था कि सब आरएसएस या भाजपा के लोग हैं। हालांकि… Continue reading बगावत के लिए उकसा रहे हैं राहुल!
chitrakoot yogi adityanath : आश्चर्य की बात यह है कि जिस घबराहट में संघ आज सक्रिय हुआ है अगर समय रहते उसने चारों तरफ़ से उठ रही आवाज़ों को सुना होता तो स्थिति इतनी न बिगड़ती। पर ये भी हिंदुओं का दुर्भाग्य है कि जब-जब संघ वालों को सत्ता मिलती है, उनका अहंकार आसमान को छूने लगता है। देश और धर्म की सेवा के नाम फिर जो नौटंकी चलती है उसका पटाक्षेप प्रभु करते हैं और हर मतदाता उसमें अपनी भूमिका निभाता है। लेखक: विनीत नारायण chitrakoot yogi adityanath : उत्तर प्रदेश के चुनाव कैसे जीते जाएं इस पर गहन चिंतन के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी अधिकारियों और प्रचारकों का एक सम्मेलन चित्रकूट में हुआ हैं। ऐसे शिविर में हुई कोई भी वार्ता या लिए गए निर्णय इतने गोपनीय रखे जाते हैं कि वे कभी बाहर नहीं आते। मीडिया में जो खबरें छपती हैं वो केवल अनुमान पर आधारित होती हैं, क्योंकि संघ के प्रचारक कभी असली बात बाहर किसी से साझा नहीं करते। इसलिए अटकलें लगाने के बजाए हम अपनी सामान्य बुद्धि से ही इस महत्वपूर्ण शिविर के उद्देश्य, वार्ता के विषय और रणनीति पर अपने विचार बना सकते है। जहां तक उत्तर प्रदेश के आगामी विधान… Continue reading चित्रकूट में संघ चिंतन और योगी
RSS chief mohan Bhagwat speech : राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का यह कहना मामूली नहीं है कि ‘यदि कोई कहता है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता है तो वह हिंदू नहीं है’। उनकी यह बात भी मामूली नहीं है कि ‘गाय के नाम पर दूसरों को मारने वाले हिंदुत्व के विरोधी हैं’। देश के मुसलमानों को भरोसा दिलाने वाली उनकी यह बात भी गैरमामूली नहीं है कि ‘मुसलमान इस भय चक्र में न फंसें कि भारत में इस्लाम खतरे में है’। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यक्रम में उनकी कही यह बात भी गौरतलब है कि ‘वे छवि बदलने या वोट बैंक की राजनीति के लिए इस कार्यक्रम में नहीं शामिल हुए। संघ राजनीति नहीं करता है और न छवि की चिंता में रहता है। संघ का काम राष्ट्र और समाज के हर वर्ग के लिए काम करना है’। यह भी पढ़ें: क्या शिव सेना-भाजपा में कोई खिचड़ी? मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यक्रम में संघ प्रमुख का दिया पूरा भाषण पहली नजर में देखने पर लगता है कि यह संघ की विचारधारा के बारे में स्थापित धारणा से बिल्कुल उलट है। लेकिन असल में ऐसा नहीं है। इस भाषण के कुछ अंश जरूर संघ की विचारधारा से… Continue reading भागवत के भाषण का मतलब
bhagwat and pm modi : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत ने मुसलमानों के बारे में जो हिम्मत दिखाई, यदि नरेंद्र मोदी चाहते तो वैसी हिम्मत वे चीन के बारे में भी दिखा सकते थे। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सौ साल पूरे होने पर चीन के राष्ट्रपति शी जिन फिंग को अनेक राष्ट्राध्यक्षों ने बधाइयां दीं लेकिन हमारे मोदीजी चुप्पी खींच गए, हालांकि दोनों की काफी दोस्ती रही है। दूध पीना और महंगा! Mother Dairy ने भी बढ़ाए दूध के दाम, कल से 2 रुपए देने होंगे ज्यादा मोदी की मजबूरी थी, क्योंकि वे बधाई देते तो कांग्रेसी उनके पीछे पड़ जाते। वे कहते कि गलवान घाटी पर हमला बोलने वाले चीन से सरकार गलबहियां कर रही है। उधर 4 जुलाई को अमेरिका का 245 वां जन्म-दिवस था। मोदी ने बाइडन को बड़ी गर्मजोशी से बधाई दी। यह बिल्कुल ठीक किया लेकिन अब पता नहीं कि चीन के स्थापना दिवस (1 अक्तूबर) पर वे उसको बधाई भेजेंगे या नहीं ? इसी प्रकार 1 अगस्त को चीन की पीपल्स आर्मी के जन्म दिन पर क्या हमारा मौन रहेगा? 15 अगस्त के मौके पर शी जिन फिंग की भी परीक्षा हो जाएगी लेकिन इनसे भी बड़ा सवाल यह है कि ब्रिक्स… Continue reading भागवत और मोदीः हिम्मत का सवाल
संघ के सदाशयी लोगों को समझना होगा कि हिन्दू समाज और सच्ची चेतना मूल शक्ति है। कोई संघ/दल नहीं। चेतना ही संगठन का उपयोग करती है। इस का उलटा असंभव है। घोड़े को गाड़ी के पीछे लगाने से गंतव्य तक पहुँचना असंभव है। यह भी पढ़ें: संघ-परिवार: एकता का झूठा दंभ बंगाल की घटनाओं ने फिर दिखाया कि बड़ी कुर्सी पर बैठ जाना बल का पर्याय नहीं होता। राष्ट्रीय या राजनीतिक, दोनों सदंर्भों में बल का पैमाना भिन्न होता है। जिस में संघ-परिवार सदैव दुर्बल रहा है। तुलना में वामपंथी अधिक आत्मविश्वासी रहे हैं। संघ-भाजपा कुर्सीधारी भी उन से बचते हैं। फिर भी यदि यहाँ इन की दुर्गति नहीं हुई, तो कारण अभी भी बचा पारंपरिक हिन्दू समाज है। वह बीच में अवरोध बन कर संघ-भाजपा कुर्सीधारियों को बचाता है। पर कब तक? जिस तरह संघ-परिवार ने हिन्दू समाज को भ्रमित, विश्वासघात भी किया, तथा केवल अपनी परवाह की, जबकि सभी हिन्दू-विरोधी शत्रु निरंतर चोट कर रहे हैं; उस से यह समाज स्वयं क्षीण हो रहा है। सही दृष्टि के बिना कुर्सी से कुछ नहीं होता। जैसे, हथियार चलाना न जानने वाले को हथियार देना व्यर्थ है! उस के भरोसे रक्षा की आस करने वाला मारा जाता है। अभी बंगाल… Continue reading संघ-परिवार: बड़ी देह, छोटी बुद्धि
जिन्हें इतिहास की समझ है, वे जानते हैं कि हुक़्मरान जब-जब कलंदरी पर उतारू होते हैं, जनता भी तब-तब चीमटा बजाने लगती है। जिन्हें समझ कर भी यह इतिहास नहीं समझना, उनकी समझ को नमन कीजिए। लेकिन एक बात अच्छी तरह समझ लीजिए। जनता जब अपनी पर आती है तो वह किसी गांधी-वांधी, पवार-फवार, अण्णा-केजरी की मोहताज़ नहीं होती। वह अपने नायक स्वयं निर्मित कर लेती है। मैं ने पहले भी कहा है और दोबारा कह रहा हूं कि इस साल की दीवाली गुज़रने दीजिए, उसके बाद सियासी हालात का ऊंट इतनी तेज़ी से करवट लेगा कि उसकी कुलांचें देख कर अच्छे-अच्छों की घिग्घी बंध जाएगी। जिन्हें लगता है कि नरेंद्र भाई ने अपनी मातृ-संस्था के प्रमुख मोहन भागवत के नीचे की कालीन इस तरह अपनी मुट्ठी में कर ली है कि जिस सुबह चाहेंगे, सरका देंगे, उनकी खुशफ़हमी अगली वसंत पंचमी आते-आते काफ़ूर हो चुकी होगी। कल नरेंद्र भाई मोदी को दोबारा भारत माता के माथे पर सवार हुए सात साल पूरे हो जाएंगे। अपने हर काम को करतब में तब्दील करने की ललक से सराबोर नरेंद्र भाई ने 2014 में दक्षेस देशों के शासन-प्रमुखों की मौजूदगी में भारत के पंद्रहवें प्रधानमंत्री के तौर पर सिंहासन-सप्तपदी की थी और… Continue reading सिंहासन-सप्तपदी के सात बरस बाद