केंद्र सरकार
देश की सर्वोच्च अदालत ने दूसरी लहर के दौरान मारे गए लोगों की मदद के लिए सरकार की नीति को मंजूरी दे दी है..
राज्य में किसानों की आय में इजाफा करने के क्रम में अब हर जिले में गोदाम व कोल्ड स्टोरेज के निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा। केंद्र सरकार की एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रचर फंड (एआईएफ) योजना के तहत यह कार्य कराया
अब सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया से जुड़ी खबर मिली है कि टाटा समूह ने इसका नियंत्रण अपने पास कर लिया है. इस संबंध में तमाम मीडिया चैनलों…
केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के एक साल बाद यानी 2015 में केंद्र से गुजरात को सीधे भेजा जाना वाला सालाना फंड 2,542 करोड़ रुपए का था, जो 2019-20 में बढ़ कर 11,659 करोड़ रुपए हो गया।
भारतीय जनता पार्टी को ऐसा लग रहा है कि जाति जनगणना पर पार्टी की लाइन तय करने में मुश्किल हो रही है। उसकी केंद्र सरकार और राज्यों की सरकारों की लाइन तय है।
भारत बंद के बारे में किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि हम पिछले 2…
सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले में सुनवाई चल रही थी. अब देश की सर्वोच्च न्यायालय ने यह साफ कर दिया है कि इस मामले की जांच के लिए कोर्ट एक्सपोर्ट्स की एक कमेटी…
30 करोड़ वाली जनसंख्या में से 80 करोड़ लोग राशन खरीद का नहीं खा पा रहे हैं. माना कि कोरोना के कारण लोगों के व्यापार और काम धंधे चौपट हो गए हैं. लेकिन कोरोना को आए…
मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत में जुटी भीड़ से साबित हो गया कि किसानों के प्रति लोगों का सद्भाव भी है और समर्थन भी।
मुजफ्फरनगर में आयोजित हुई विशाल किसान पंचायत ने यह बात सबके सामने साबित की कि अपनी शुरुआत के एक साल बीत जाने के बाद भी किसान आंदोलन का दम बरकरार है।
केंद्र सरकार ने बड़े प्यार से देश के आम नागरिकों की जेब पर डाका डालने की एक योजना घोषित की है।
सोमवार को घोषित केंद्र सरकार की नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना पर राहुल गांधी ने तीखा हमला किया है।
ऐसे में अगर आपका राशन कार्ड आधार या बैंक खाते से अभी तक लिंक नहीं हुआ है या कुछ दिनों से आपका राशन कार्ड सस्पेंड चल रहा है तो आप 31 अगस्त तक यह काम पूरा कर लें।
प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े जोर शोर से मेक इन इंडिया का नारा दिया था. लेकिन यह नारा ढेर होता हुआ दिखाई दे रहा है. भारत में लोगों को कृषि के बाद सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाला सेक्टर टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज है.
15 जुलाई के बाद लगातार पेट्रोल की कीमतें घटती गई हैं. कच्चे तेल का भाव 74. 33 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 69.72 डॉलर प्रति बैरल हो गया है. इसके बाद भी भारत को तेल कंपनियां दाम कम नहीं कर पा रही हैं.