संपत्ति
किन्नर समुदाय के लोग समाज में सबसे ज्यादा उपेक्षित, अपमानित और पीड़ित हैं, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार का ताजा फैसला सराहनीय है। उत्तर प्रदेश में एक नए कानून के तहत किन्नर समुदाय के लोगों को पैतृक खेतिहर जमीन पर हक मिलेगा।
माफिया सरगना और पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद की 25 करोड़ रूपये कीमत की पांच संपत्तियों को पुलिस ने कुर्क कर लिया।
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया। उसमें कोर्ट ने कहा कि बेटियों को भी बेटों की तरह पैतृक संपत्ति में समान हिस्सेदार माना जाएगा। उसके बाद से मीडिया मे ऐसी खबरें हैं कि भारत के अति धनी परिवारों में हलचल है।
सर्वोच्च न्यायालय के ताजा फैसले ने देश की बेटियों को अपने पिता की संपत्ति में बराबरी का हकदार बना दिया है। अदालत के पुराने फैसले रद्द हो गए हैं, जिनमें कई किंतु-परंतु लगाकर बेटियों को अपनी पैतृक संपत्ति का अधिकार दिया गया था।
सर्वोच्च अदालत ने पैतृक संपत्ति में बेटियों की हिस्सेदारी को लेकर 2005 में बने कानून को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है।
क्या अफसरों पर नरेंद्र मोदी सरकार की धमक नहीं चलती? हालांकि अब प्रधानमंत्री या सत्ताधारी पार्टी के नेता भ्रष्टाचार मिटाने की बातें जोरशोर से नहीं करते, मगर 2014 में यह उनका प्रमुख नारा था। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ऐसी खबरें खूब चर्चित रहीं कि सरकार ने भ्रष्ट अफसरों पर नकेल कस दी है। उसका कोई खास अच्छा नतीजा हुआ, इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं। बल्कि ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल जैसी संस्थाओं के इंडेक्स में आरंभ में ऊपर चढ़ने के बाद भारत का दर्ज फिर से गिरता गया है। इस बीच एक ऐसी खबर है, जिससे बड़े अफसरों पर मोदी स सरकार के रुतबे पर सवाल उठता है। खबर है कि देश के करीब 300 आईएएस अफसरों ने केंद्र सरकार को अपनी संपत्तियों का हिसाब-किताब देने की जरूरत नहीं समझी है। जबकि हाल ही में एक संसदीय समिति ने ऐसे अफसरों पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की थी। मगर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से जनवरी में कई रिमांइडर भेजने के बाद भी अफसरों ने संपत्ति का खुलासा नहीं किया। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के निर्देशों के मुताबिक हर साल 31 जनवरी तक पिछले वर्ष की अचल संपत्तियों की जानकारी एक निर्धारित प्रोफॉर्मा पर देनी… Continue reading सवाल सरकार के रुतबे का
मेरे एक मित्र हाईकोर्ट के जज थे। वे अकसर कहा करते थे कि हर इंसान को कोर्ट कचहरी से दूर रहना चाहिए और यह बात याद रखनी चाहिए कि अच्छे से अच्छा फैसला भी बुरे से बुरे समझौते से बेहतर होता है। अतः अगर अदालती झगड़े की नौबत आए तो कोशिश कर फैसला कर लेना चाहिए। हाल में जब उत्तर प्रदेश प्रदेश के रामपुर के नवाब की संपत्ति के बंटवारे को लेकर अखबारों में खबर पढ़ी तो यह घटना याद आ गई। नवाब रामपुर की संपत्ति अरबों रुपए की थी व उस पर कब्जा हथियाने को लेकर दशकों से अदालती विवाद चल रहा है। हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि मृतक नवाब की संपत्ति का फैसला शरीया कानून के मुताबिक ही किया जाए। रामपुर के नवाब की संपत्ति पर 16 वारिसों का मुकदमा चल रहा है। करीब एक दशक पूर्व इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नवाबों की परंपरा के मुताबिक उसकी संपत्ति का वारिस वही होता है जिसे सरकार नवाब पद की मान्यता प्रदात करती है। अब सुप्रीम कोर्ट ने शरीया कानून के मुताबिक संपत्ति का विभाजन किए जाने का फैसला सुनाया है। मालूल हो कि देश के बंटवारे के समय नवाब… Continue reading नवाब के संपत्तियों का बंटवारा
लॉस एंजेलिस। दिवंगत हॉलीवुड कलाकार कर्क डगलस करीब 6.1 करोड़ डॉलर की अपनी संपत्ति चैरिटी को दान कर गए और सुपरस्टार बेटे माइकल डगलस सहित परिवार को उनकी संपत्ति में से कुछ नहीं मिला। कर्क का पांच फरवरी को निधन हो गया था। ‘मिरर डॉट को डॉट यूके’ के मुताबिक, कर्क डगलस का निधन 103 साल की उम्र में हुआ। उन्होंने डगलस फाउंडेशन को 5 करोड़ डॉलर दिए है। लाभार्थियों में सेंट लॉरेंस यूनिवर्सिटी शामिल है जो अल्पसंख्यक और वंचित छात्रों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करता है, साथ ही सिनाई टेम्पल जहां कर्क और ऐनी डगलस चाइल्डहुड सेंटर है, कल्वर सिटी का कर्क डगलस थिएटर, और लॉस एंजिल्स में चिल्ड्रन हॉस्पिटल भी लाभार्थियों में शामिल हैं। वेबसाइट ने बताया कि कर्क ने बेटे माइकल डगलस के लिए कुछ भी नहीं छोड़ा है। 2020 तक, अभिनेत्री कैथरीन जेटा जोन्स के पति माइकल डगलस की संपत्ति 30 करोड़ डॉलर (2,156 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक) बताया जाता है। माइकल के अलावा, कर्क डगलस के परिवार में उनकी दूसरी पत्नी ऐनी और दो अन्य बेटे जोएल और पीटर हैं। 1.1 करोड़ डॉलर की शेष राशि पाने वाले के बारे में आधिकारिक घोषणा का अभी भी इंतजार है।
आम आदमी पार्टी(आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की संपत्ति में पिछले पांच साल के दौरान एक करोड़ 30 लाख रुपए का इजाफा हुआ है।
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) तथा राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में हुए हिंसक आंदोलन के कारण भारतीय रेलवे की संपत्ति को कुल लगभग 80 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है और रेलवे इसकी वसूली आंदोलनकारियों से ही करेगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने कहा कि रेलवे को इस आंदोलन के कारण कुल मिलाकर लगभग 80 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है जिसमें से 70 करोड़ रुपए की क्षति पूर्व रेलवे के अंतर्गत पश्चिम बंगाल में हुई है। उन्होंने बताया कि बाकी दस करोड़ रुपए का नुकसान पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के तहत असम एवं अन्य पूर्वोत्तर के राज्यों में हुआ है। इसके अलावा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत कुछ जगहों पर भी तोड़फोड़ हुई है। यादव ने कहा कि स्टेशनों, कोचों एवं सिगनल पैनलों को नुकसान पहुंचाया गया है। रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) राज्य सरकार के राजकीय रेल पुलिस के साथ समन्वय से आंदोलनकारियों से क्षतिपूर्ति की विधिक कार्यवाही करेगा। यह कार्यवाही रेल अधिनियम की धारा 151 के तहत की जाएगी। यह भी पढ़ें:- ट्रेनों का लेट होना बना रेलवे प्रशासन की परेशानी का सबब नागरिकता संशोधन कानून (सीसीए) के विरोध में चल रहे रहे देशव्यापी प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप रेलवे… Continue reading आंदोलनकारियों से नुकसान की वसूली करेगी रेलवे
दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे 40 लाख लोगों को जल्द ही अपनी संपत्ति के स्वामित्व का अधिकार मिलेगा। यह बात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कही।