सर्वजन पेंशन योजना

हरिशंकर व्यास

  • और ध्वस्त बाबरी मस्जिद!

    और मैं सन्न! रोंगटे खड़े हो गए। ग्राउंड खबर लेने के कौतुक की बजाय दिमाग सिर्फ यह सोचते हुए था, क्या गजब हुआ! तारों की जिस घेरेबंदी पर मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, केंद्र सरकार सब मानते थे कि चिड़िया भी विवादास्पद स्थल में नहीं घुस सकती उसमें कारसेवकों ने घुस कर, गुंबद पर चढ़ कर गुंबद ढहा दिए। हिंदू का यह रूप... यह शौर्य है या अपराध? इतिहास का बदला या भविष्य का घाव? .... हिंदू इतिहास में छह दिसंबर 1992 अकेली तारीख है जब इतिहासजन्य प्रतिहिंसा में हिंदू ने पहली बार हथौड़ा उठाया। babri masjid demolition : इतिहास...

  • वह दिन था अर्थ क्रांति का!

    नरसिंहराव की उधेड़बुन में आजाद भारत में मौन अर्थ क्रांति का दिन हुआ 24 जुलाई 1991। तब संसद का सत्र चल रहा था। वित्त मंत्री डा मनमोहनसिंह बजट पेश करने वाले थे। उससे ठीक पहले 12 बजकर 50 मिनट पर उद्योग मंत्री की तरफ से उद्योग राज्यमंत्री पीजे कुरियन ने लोकसभा में खड़े हो कर रूटीन अंदाज में स्पीकर को संबोधित करते हुए वक्तत्व दिया- सर, मैं सदन के पटल पर औद्योगिक नीति पर एक वकतव्य रख रहा हैं।‘  मतलब नई नीति का दस्तावेज। economic liberalism Narasimha Rao : मैं समाजवाद के दिनों में पत्रकार बना। तब भारत में फोन,...

  • जात के कैक्टस से खलास किडनी!

    गर्व से कहों मैं यादव, मैं दलित, मैं गुर्जर, जाट का छोरा तो उधर गर्व से बोलो में हिंदू! लगभग दस साल की अवधि में ब्लू स्टार आपरेशन, मंडल आयोग और बाबरी मसजिद के ध्वंस की तीन घटनाओं को मैं अब याद करता हूं तो पहले हिंदू-सिक्ख, फिर हिंदुओं के भीतर जातिय झगड़े और उसके बाद मंदिर यात्रा में हिंदू बनाम मुस्लिम के जितने घाव बने है वे हमें कहां ले आए है? देश के नेतृत्व और जनमानस का अब जैसा मानसिक स्तर है वह कुल मिलाकर क्या यह सत्य लिए हुए नहीं है कि हर शाख पे उल्लू बैठा...

  • इमरजेंसीः विदेशी साजिश और वैश्विक इमेज

    विदेशी साजिश के खौफ-पैरानॉयड मनोदशा में इमरजेंसी ( emergency conspiracy global image ) का फैसला था। हालातों के डर पैदा करने वाली खुफिया ब्रीफिंग में रॉ प्रमुख आरएन काव ने इंदिरा गांधी का कैसे-क्या माइंड बनाया इस पर किसी का फोकस नहीं रहा।... फिर पेंडुलम के दूसरे छोर पर नेहरू की बेटी को तानाशाह की वैश्विक बदनामी ने पहुंचाया। कैसे वे प्रजातंत्र स्थापक-पोषक पिता नेहरू की जगत पुण्यता के कंट्रास्ट में अपनी तानाशाह बदनामी पर विचार नहीं करतीं। तभी एक दिन उनका अपने स्तर पर चुनाव का फैसला था। यह भी पढ़ें: इमरजेंसीः पहेली और पैरानॉयड! emergency conspiracy global image...

  • इमरजेंसीः पहेली और पैरानॉयड!

    अपना मानना है कि इंदिरा गांधी का इमरजेंसी ( emergency Indira gandhi ) लगाना और चुनाव का फैसला उनका खुद का निर्णय था। वे अंतर्मन से गाइडेड थीं। वे पार्टी में विद्रोह (चंद्रशेखर-धारिया की बेबाकी, जगजीवन राम-वाईबी चव्हाण आदि की महत्वाकांक्षाओं) के भय और विदेशी साजिश के डर के पैरानॉयड में थी। जिन्हें 1969 में इंदिरा गांधी द्वारा भारत की 85 साल पुरानी पार्टी को तोड़ने का इतिहास ज्ञात है वे जानते हैं कि इंदिरा गांधी ने राजनीति को कैसी मनोदशा में खेला। मैं 1975-76 में पत्रकार नहीं था लेकिन जेएनयू में फ्रीलांसिग करने लगा था। ऐसा जेएनयू में होने...

  • इमरजेंसीः खामोख्याल विपक्ष

    अपना मानना है कि इंदिरा गांधी का इमरजेंसी ( emergency Indira gandhi ) लगाना और चुनाव का फैसला उनका खुद का निर्णय था। वे अंतर्मन से गाइडेड थीं। वे पार्टी में विद्रोह (चंद्रशेखर-धारिया की बेबाकी, जगजीवन राम-वाईबी चव्हाण आदि की महत्वाकांक्षाओं) के भय और विदेशी साजिश के डर के पैरानॉयड में थी। जिन्हें 1969 में इंदिरा गांधी द्वारा भारत की 85 साल पुरानी पार्टी को तोड़ने का इतिहास ज्ञात है वे जानते हैं कि इंदिरा गांधी ने राजनीति को कैसी मनोदशा में खेला। मैं 1975-76 में पत्रकार नहीं था लेकिन जेएनयू में फ्रीलांसिग करने लगा था। ऐसा जेएनयू में होने...

  • इमरजेंसी… मुझे दिखी नहीं!

    अपना मानना है कि इंदिरा गांधी का इमरजेंसी ( emergency Indira gandhi ) लगाना और चुनाव का फैसला उनका खुद का निर्णय था। वे अंतर्मन से गाइडेड थीं। वे पार्टी में विद्रोह (चंद्रशेखर-धारिया की बेबाकी, जगजीवन राम-वाईबी चव्हाण आदि की महत्वाकांक्षाओं) के भय और विदेशी साजिश के डर के पैरानॉयड में थी। जिन्हें 1969 में इंदिरा गांधी द्वारा भारत की 85 साल पुरानी पार्टी को तोड़ने का इतिहास ज्ञात है वे जानते हैं कि इंदिरा गांधी ने राजनीति को कैसी मनोदशा में खेला। मैं 1975-76 में पत्रकार नहीं था लेकिन जेएनयू में फ्रीलांसिग करने लगा था। ऐसा जेएनयू में होने...

  • फ्लैशबैक में, लम्हों की खता!

    अपना मानना है कि इंदिरा गांधी का इमरजेंसी ( emergency Indira gandhi ) लगाना और चुनाव का फैसला उनका खुद का निर्णय था। वे अंतर्मन से गाइडेड थीं। वे पार्टी में विद्रोह (चंद्रशेखर-धारिया की बेबाकी, जगजीवन राम-वाईबी चव्हाण आदि की महत्वाकांक्षाओं) के भय और विदेशी साजिश के डर के पैरानॉयड में थी। जिन्हें 1969 में इंदिरा गांधी द्वारा भारत की 85 साल पुरानी पार्टी को तोड़ने का इतिहास ज्ञात है वे जानते हैं कि इंदिरा गांधी ने राजनीति को कैसी मनोदशा में खेला। मैं 1975-76 में पत्रकार नहीं था लेकिन जेएनयू में फ्रीलांसिग करने लगा था। ऐसा जेएनयू में होने...

  • सब खलास, शिक्षा सर्वाधिक!

    अपना मानना है कि इंदिरा गांधी का इमरजेंसी ( emergency Indira gandhi ) लगाना और चुनाव का फैसला उनका खुद का निर्णय था। वे अंतर्मन से गाइडेड थीं। वे पार्टी में विद्रोह (चंद्रशेखर-धारिया की बेबाकी, जगजीवन राम-वाईबी चव्हाण आदि की महत्वाकांक्षाओं) के भय और विदेशी साजिश के डर के पैरानॉयड में थी। जिन्हें 1969 में इंदिरा गांधी द्वारा भारत की 85 साल पुरानी पार्टी को तोड़ने का इतिहास ज्ञात है वे जानते हैं कि इंदिरा गांधी ने राजनीति को कैसी मनोदशा में खेला। मैं 1975-76 में पत्रकार नहीं था लेकिन जेएनयू में फ्रीलांसिग करने लगा था। ऐसा जेएनयू में होने...

  • भारतः ये दो साल!

    अपना मानना है कि इंदिरा गांधी का इमरजेंसी ( emergency Indira gandhi ) लगाना और चुनाव का फैसला उनका खुद का निर्णय था। वे अंतर्मन से गाइडेड थीं। वे पार्टी में विद्रोह (चंद्रशेखर-धारिया की बेबाकी, जगजीवन राम-वाईबी चव्हाण आदि की महत्वाकांक्षाओं) के भय और विदेशी साजिश के डर के पैरानॉयड में थी। जिन्हें 1969 में इंदिरा गांधी द्वारा भारत की 85 साल पुरानी पार्टी को तोड़ने का इतिहास ज्ञात है वे जानते हैं कि इंदिरा गांधी ने राजनीति को कैसी मनोदशा में खेला। मैं 1975-76 में पत्रकार नहीं था लेकिन जेएनयू में फ्रीलांसिग करने लगा था। ऐसा जेएनयू में होने...

  • ऐसे दो साल पहले कभी नहीं!

    अपना मानना है कि इंदिरा गांधी का इमरजेंसी ( emergency Indira gandhi ) लगाना और चुनाव का फैसला उनका खुद का निर्णय था। वे अंतर्मन से गाइडेड थीं। वे पार्टी में विद्रोह (चंद्रशेखर-धारिया की बेबाकी, जगजीवन राम-वाईबी चव्हाण आदि की महत्वाकांक्षाओं) के भय और विदेशी साजिश के डर के पैरानॉयड में थी। जिन्हें 1969 में इंदिरा गांधी द्वारा भारत की 85 साल पुरानी पार्टी को तोड़ने का इतिहास ज्ञात है वे जानते हैं कि इंदिरा गांधी ने राजनीति को कैसी मनोदशा में खेला। मैं 1975-76 में पत्रकार नहीं था लेकिन जेएनयू में फ्रीलांसिग करने लगा था। ऐसा जेएनयू में होने...

  • गद्दी पर रहेंगे, शासन क्या करेंगे!

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  • राजनीतिक नुकसान के दो बरस

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  • दुनिया में डंका बजने का मिथक टूटा

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  • धीरज धरें, विध्वंस से बनेगी ‘भारत’ चिंता!

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  • हिंदू जब मोदी से रोशन तो थाली…?

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  • थाली बजाओ, मोदी भगाओ! मुर्दा कौम का मुर्दा ख्याल!

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  • झूठ को फिर भी शर्म नहीं!

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  • साहेब तुम्हारे रामराज में..

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  • जान से बड़ा कुछ भी नहीं

    अपना मानना है कि इंदिरा गांधी का इमरजेंसी ( emergency Indira gandhi ) लगाना और चुनाव का फैसला उनका खुद का निर्णय था। वे अंतर्मन से गाइडेड थीं। वे पार्टी में विद्रोह (चंद्रशेखर-धारिया की बेबाकी, जगजीवन राम-वाईबी चव्हाण आदि की महत्वाकांक्षाओं) के भय और विदेशी साजिश के डर के पैरानॉयड में थी। जिन्हें 1969 में इंदिरा गांधी द्वारा भारत की 85 साल पुरानी पार्टी को तोड़ने का इतिहास ज्ञात है वे जानते हैं कि इंदिरा गांधी ने राजनीति को कैसी मनोदशा में खेला। मैं 1975-76 में पत्रकार नहीं था लेकिन जेएनयू में फ्रीलांसिग करने लगा था। ऐसा जेएनयू में होने...

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