2006 Mumbai Train Blasts

  • कठघरे में जस्टिस सिस्टम

    निर्णय का सार क्या है? दो स्थितियां ही हो सकती हैं। या तो अभियोग पक्ष ने अपना काम मुस्तैदी और दोषमुक्त ढंग से नहीं किया। या फिर पुलिस ने मामूली शक के आधार पर निर्दोष लोगों को पकड़ लिया। मुंबई की सात उपनगरीय ट्रेनों में 11 जुलाई 2006 को हुए धमाकों ने सारे देश को आहत किया था। मिनटों में 187 मुसाफिरों की जान चली गई, जबकि 824 लोग जख्मी हो गए। यह सोचना दिमाग को भौंचक कर देता है कि भारतीय कानून के हाथ इतने बड़े कांड के एक भी मुजरिम तक नहीं पहुंच पाए। जिन 13 अभियुक्त को...