आत्म-मंथन का दिन
हम ऐसे मुकाम पर हैं, जब चुनावी आयोजन में अपनी सफलताओं के कारण भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा प्राप्त कर चुका है, लेकिन उस लोकतंत्र की गुणवत्ता को लेकर भारत की प्रतिष्ठा पर आंच आने की शिकायतें कई हलकों से जताई जा रही हैं। आज से ठीक 74 साल पहले स्वतंत्र भारत ने अपने संविधान को अपनाया था। उसके लगभग साढ़े तीन साल पहले देश ब्रिटिश दासता की बेड़ियों से मुक्त हो चुका था, लेकिन तब यह स्पष्ट नहीं था कि भारतवासियों की आजादी का स्वरूप कैसा होगा। सिर्फ इसके कुछ संकेत 1929 में भारतीय राष्ट्रीय...