कंपनियों का ‘वेल्थ क्रिएशन’
क्या लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बीच कॉरपोरेट सेक्टर ने अपना पक्ष चुन रखा है, जिसे सत्ता में बनाए रखने के लिए वह अपना पुरजोर दम लगाती हैं? यह सच है तो, अन्य दलों के लिए बनने वाली प्रतिकूल स्थितियों का अनुमान सहज ही लग सकता है। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान का आखिरी चरण पूरा होते ही एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगने वाले टॉल टैक्स में पांच प्रतिशत वृद्धि कर दी। उधर सहकारी कंपनी अमूल ने दूध के दाम दो रुपये लीटर बढ़ा दिए। वित्तीय अखबार कुछ से ऐसी खबरें छाप रहे हैं कि एक बड़ी टेलीकॉम कंपनी चुनाव...