आसियान में रौनक है और सार्क खत्म?
हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब संस्थाएँ और गठबंधन, जो कभी सामूहिक इच्छा के प्रतीक थे, अपना अर्थ अब खोते हुए हैं। जैसे संयुक्त राष्ट्र का नैतिक बल अब अर्थहीन है। नाटो अपने उद्देश्य में भटक गया है। जी-7 के देश आपस में उलझे हुए है। वही जी-20 अपनी ही कलह में लड़खड़ा रहा है। ऐसे ही एससीओ (SCO) अपने अंतर्विरोधों में झूल रहा है, और अफ्रीकी संघ आकांक्षा और स्वायत्तता के बीच फँसा हुआ है। मगर इन सबके बीच में दक्षिण पूर्व एसिया का आसियान (ASEAN) गठबंधन है जो न ढहता है, न जीतता है, बस टिके...