नाराजगी अब ट्रेंड है
संभव है कि आम मतदाताओं में किसी भी कीमत पर सत्ताधारी दल से निज़ात पाने का भाव अभी ना आया हो, मगर भाजपा और खासकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को लेकर लोगों का उत्साह ठंडा पड़ने के संकेत साफ हैं। भाजपा नेतृत्व भले ही अपने सार्वजनिक बयानों में इस तथ्य की अनदेखी करता रहे, लेकिन महंगाई, बेरोजगारी और सामान्य अवसरहीनता अब आम मतदाताओं के राजनीतिक निर्णय को प्रेरित कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा को भारी झटका इन्हीं कारणों से लगा। लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उसे स्वीकार करने और सबक लेने की कोई तत्परता नहीं दिखाई। तो अब सात...