एक सुलगती हुई चिंगारी
मुमकिन है कि परिसीमन, एनईपी और भाषा विवाद पर डीएमके प्रमुख के बयानों की वजह अगले विधानसभा के चुनाव हों, जिसके लिए उन्होंने अभी से पैंतरेबाजी शुरू कर दी हो। मगर इसे सिर्फ चुनावी दायरे में देखना स्थिति से आंख मूंदना होगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की चेतावनियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। यह देश में चौड़ी हो रही विभाजन-रेखाओं की एक मिसाल है। स्टालिन ने 2026 में लोकसभा सीटों के संभावित परिसीमन को पूरे दक्षिण भारत की आवाज दबाने की कोशिश बताया है। उन्होंने इस मुद्दे पर पांच मार्च को 40 राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है। इसके...