यह अपेक्षित ही था
विपक्ष राजनीतिक दायरे में इसका सामना करने को तैयार नहीं है, बल्कि उसने सिर्फ न्यायपालिका से उम्मीद जोड़ी थी, इसलिए अनुमान लगाया जा सकता है कि बिहार की ही तर्ज पर अब पूरे भारत में पुनरीक्षण प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मामले में निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट की सलाह नहीं मानी है। 10 जुलाई को मामले की हुई सुनवाई के समय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि पुनरीक्षण प्रक्रिया में जिन दस्तावेजों को स्वीकार किया जा रहा है, आयोग को उनमें आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, और राशन कार्ड को भी शामिल...