भाजपा का घोषणापत्र और वापसी का भरोसा
भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र से बहुत लोगों को निराशा हुई है। इसमें कोई फायरवर्क नहीं है। कोई धूम-धड़ाका नहीं है। चौंकाने वाला कोई बड़ा वादा नहीं है। मुफ्त की रेवड़ी वाली कोई नई घोषणा नहीं है। कांग्रेस का घोषणापत्र जारी होने के 10 दिन बाद जारी होने के बावजूद इसमें कांग्रेस के वादों का जवाब देने की इच्छा नहीं दिखती है। कोई भावनात्मक मुद्दा नहीं है। न एनआरसी का जिक्र है और न मथुरा, काशी की चर्चा है। बड़े वादों में से एक समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी को दोहराया गया है। लेकिन इसे भी नया नहीं कहा जा...