BOOSTER DOSE
ओमिक्राॅन से मुकाबले के लिए अमेरिकी बायोटेक कंपनी मॉडर्ना ने घोषणा की है कि उसने ओमिक्राॅन वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की बूस्टर डोज का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है।
देश आज सोमवार से 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग बूस्टर डोज लगवा सकेंगे। इन्हीं के साथ हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी बूस्टर डोज दी जाएगी।
भारत सरकार ने अभी तक भारत में टीकों के मिश्रण और मिलान पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
विश्व स्वस्थ संगठन डब्ल्यूएचओ ने कोविड वैक्सीन ले चुके लोगों को बूस्टर डोज लगाए जाने की सोचने को कहा है। पर यह डोज तभी लगे जबकि इसके सकारात्मक परिणामों के प्रमाण मिल चुके हो।
कोरोना का नया वैरीअंट ओमिक्रॉन अब देश के 15 राज्यों तक पहुंच चुका है. विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन…
सीएम केजरीवाल ने कहा कि भारत सरकार बूस्टर डोज को लेकर क्या कर रही है. उन्होंने कहा कि देश के लोगों और राज्य की सरकारों को स्थिति…
कई राज्यों में वायरस का संक्रमण फैलने की रफ्तार बढ़ी। मुंबई में अगले 48 घंटे के लिए धारा 144 लागू।
भारत के शीर्ष जीनोम वैज्ञानिकों ने कहा है कि 40 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को ‘बूस्टर’ (तीसरी) खुराक देने पर ‘विचार किया जाए।
अगर अस्पतालों को घाटे से बचाने के लिए ऐसा फैसला हुआ, तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा। बूस्टर डोज कब लगाए जाएं, यह फैसला विशेषज्ञों के जिम्मे छोड़ा जाना चाहिए।
बूस्टर डोज के तौर पर फाइजर की वैक्सीन का 30 माइक्रोग्राम लगाया जाएगा, जो कि पहले लग चुकी डोज के समान है, जबकि मॉडर्न का 50 माइक्रोग्राम है, जो पहली डोज का आधा है।
भारत बायोटेक सरकार से क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए काउइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के बारे में भी बात कर रहा था।
कहा गया है कि अगर सुरक्षित होंगे तो सभी लोग। वरना, सभी पर खतरा मंडराता रहेगा। ये बात इसलिए दोहरानी पड़ रही है, क्योंकि ऐसे संकेत हैं कि कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट को लेकर बढ़ती चिंता के बीच धनी देश कोरोना वैक्सीन की सप्लाई के मामले में और कंजूस हो गए हैँ।
जब अमेरिका में यह हाल है, तो अपने यहां क्या होगा, यह समझा जा सकता है। भारत में तो खैर अभी दूसरा डोज ही मुश्किल से साढ़े आठ फीसदी लोगों को लगा है। ऐसे में बूस्टर डोज की अभी चर्चा नहीं है। ये चर्चा हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इससे वैक्सीन के असर को लेकर सवाल खड़े होते हैँ।
NEW DELHI: देश में 16.18 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ लग चुकी है। और 4.38 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी है। भारत सरकार और अन्य देशों की सरकार जनता पर वैक्सीन लगवाने पर जोर दे रही है। सभी का यही मानना है कि कोरोना का एकमात्र बचाव वैक्सीन ही है। जिसे कोरोना की संजीवनी बूटी कहा जा रहा है। लेकिन अब इस पर सवाल उठाये जा रहे है। फ्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने टीकाकरण पर सवाल उठाकर सबको चौंका दिया था। उन्होंने कहा था कि वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी कोरोना के नए-नए वैरिएंट को जन्म देगी। हालांकि, भारतीय वैज्ञानिक गगनदीप कांग ने ल्यूक के इस दावे को बेबुनियाद करार दिया है। कांग ने इस दावे को खारिज किया है।वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने के बाद शरीर में एंटीबॉडी बनती है। इसके बाद कोरोना अपना रूप बदल लेता है जिसके बाद यह और भी ताकतवर हो जाता है। इसके लिए कुछ वैज्ञानिक वैक्सीन का तीसरा डोज़ लगवाने पर विचार कर रह है। जिसे बूस्टर डोज़ कहा जा रहा है। इसे भी पढ़ें आधी जनता को एक भी वैक्सीन नसीब नहीं और कुछ लोग कोविशील्ड और कोवैक्सीन का कॉकटेल ले रहे… Continue reading वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी कोरोना के नए-नए वैरिएंट को जन्म देगी- प्रोफेसर ल्यूक मॉन्टैग्नियर
Delhi | भारत में एक तरफ जहां कोरोना वायरस (Corona Virus India) के मामलों में गिरावट देखी जा रही है वहीं पर कोरोना की वैक्सीन की बर्बादी (West of Vaccine in India) हो रही है। एक तरफ जहां आधी जनता वैक्सीन (Shortage of Vaccine) के लिये तड़प रही है वहीं कुछ वैक्सीन का कॉकटेल ले रहे है। डॉक्टर्स के सामने ऐसे कई मामले आए हैं, जहां लोग कोविशील्ड के दो डोज लेने के बाद कोवैक्सीन भी लगवा रहे हैं। बताया जा रहा है कि लोग इसके लिए अलग-अलग फोन नंबर और आईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, एक्सपर्ट्स ने चिंता जाहिर की है कि दोनों वैक्सीन शरीर को मिलने पर क्या प्रतिक्रिया होगी, इस बात की जानकारी नहीं है। क्योकि अभी तक ऐसा कोई प्रयोग नहीं किये गए है जिससे यह पता लग जाए। लोग लालच में आकर वैक्सीन का कॉकटेल ले रहे है। भारत के अलावा भी ऐसे मामले देखने को मिल रहे है। लोग इसे बूस्टर डोज़ मान रहे है लेकिन अभी ऐसा कुछ नहीं है। यह शुद्ध लालच है.. कर्नाटक के कोविड टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी के सदस्य और सीनियर वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर वी रवि का कहना है कि यह शुद्ध लालच है। इस प्रकार का लालच सही… Continue reading आधी जनता को एक भी वैक्सीन नसीब नहीं और कुछ लोग कोविशील्ड और कोवैक्सीन का कॉकटेल ले रहे