Caste system

  • बुद्धिहीन-अशक्तकौम का दुकान सत्य!

    क्या हम हिंदुओं का जीवन इतिहास दुकान आश्रित नहीं है? आप देश के कोने-कोने में घूम जाएं, जिधर देखो-उधर दुकान! जीवन जीने का व्यवहार खरीद-फरोख्त, लालच, धंधे की वृत्ति-प्रवृत्ति लिए हुए मिलेगा? हां, भारत में सत्ताऔर उसकी राजनीति भी खरीद-फरोख्त की भदेस दुकान है और उसमें सबकुछ बिकता है। धर्म-अध्यात्म के कर्मकांड लेन-देन हैं। शिक्षा दुकान है। चिकित्सा दुकान है। तमाम तरह की सेवाएं दुकान हैं। पूरी आर्थिकी का संचालन दुकान जैसा है। जाति और समाज की बुनावट वर्ग-वर्ण की गुमटियां है। बुद्धि, मीडिया, विचार, संस्थाओं और सुरक्षा याकि जीवन दिनचर्या की हर वह जरूरत उस दुकानी ताने-बाने पर आश्रित...