संविधान के अनुरूप
भारतीय सेना ने सर्व धर्म प्रार्थना की परंपरा अपने धर्मनिरपेक्ष चरित्र के अनुरूप स्थापित की है। अपेक्षित है कि ऐसे सिद्धांतों पर दृढ़ता से अमल किया जाए- चाहे मामला किसी भी धर्मावंबी से जुड़ा हुआ हो। सुप्रीम कोर्ट ने यह उचित व्याख्या की है कि कोई सैनिक भारतीय सेना के सामूहिक आचार-धर्म के ऊपर धर्म की अपनी निजी व्याख्या को तरजीह नहीं दे सकता। इस तरह न्यायालय ने उपरोक्त सैनिक के खिलाफ सेना प्रशासन की कार्रवाई को सही ठहराया। इस सैनिक ने अपने रेजीमेंट के सर्व धर्म स्थल पर जाकर प्रार्थना करने से इनकार कर दिया था। इस रुख पर...