गृहयुद्ध की और बढ़ता सूडान
सूडान में अफरातफरी, उथलपुथल और खून-खराबाहो रहा है। सन् 1956 में आजादी के बाद उसकी ऐसी ही नियति है। वह पहले तानाशाही और फिर सैनिक शासन के अधीन रहा। तनाव, टकराव और गृहयुद्धों में फंसा रहा।अब एक बार फिर हिंसक संर्घष हो रहा है। देश की सैनिक सरकार और एक सुरक्षा बल के टकराव में सत्ता का संघर्ष है। इस संघर्ष में अब तक 56 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें से तीन संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए काम कर रहे राहतकर्मी भी है। सूडान के सैनिक शासन के दो सर्वाधिक शक्तिशाली किरदारों - जनरल अब्दल फतह अल-बुरहान, जो सन्...