साख पर सीधा प्रहार
आज ऐसे संदेह खुलकर जताए जा रहे हैं कि न्यायपालिका का एक हिस्सा एक खास राजनीतिक परियोजना का हिस्सा बनता जा रहा है। इस पृष्ठभूमि में जस्टिस गंगोपाध्याय से संबंधित खबर न्यायिक साख के लिए तगड़े झटके के रूप में रूप में आई है। किसी संवैधानिक न्यायालय का वर्तमान जज आम चुनाव से ठीक पहले राजनीति में भाग लेने का इरादा जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे, तो बेशक उससे न्यायपालिका की निष्पक्षता को लेकर आम जन के बीच एक बेहद खराब संदेश जाएगा। और खासकर तब तो बिल्कुल ही ऐसा होगा, अगर उस जज ने अपने कार्यकाल के...