cryptocurrency
डिजिटल रूप में मुद्रा को शामिल करने के लिए ‘बैंक नोट’ की परिभाषा के दायरे को बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन के लिए अक्टूबर, 2021 में प्रस्ताव पेश किया।
संसद के इस सत्र में सरकार क्रीप्टो करेंसी पर कानून बनानेवाली है। यह क्रीप्टो करेंसी क्या है?
ऐसे लेन-देने से पैसे वाले लोग और भी अधिक अकूत पैसा बना सकते हैं, लेकिन उससे देश की अर्थव्यवस्था या राजकोष को कोई फायदा नहीं होता।
राज्य द्वारा जारी किसी भी आभासी मुद्राओं को छोड़कर, सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को भारत में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
क्रिप्टो उत्पादों में निवेश से फिनटेक को लाभ नहीं होता है केवल क्रिप्टो एक्सचेंजों को लाभ होता है क्योंकि वे निवेश के लिए शुल्क लेते हैं।
देश दूरसंचार क्षेत्र के लिए 5G और 6G सहित विविध क्षेत्रों में स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने में निवेश कर रहा है।
केंद्रीय बैंक का तर्क है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है।
क्रिप्टोकरेंसी को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का हथियार नहीं बनने दिया जाएगा। इसे लेकर सरकार विशेषज्ञों और स्टेक होल्डर्स के साथ लगातार संपर्क में रहेगी
एक वैकल्पिक ब्लॉकचैन टोकन GARI भविष्य में इन-ऐप मुद्रा और एक शासन टोकन के रूप में दोनों की सेवा करेगा। टोकन सोलाना ब्लॉकचैन के साथ साझेदारी में बनाया जाएगा