culture

  • भले न माने, सबकुछ खत्म होता हुआ!

    ऐसे ही सन् 2022 के भारत में कला और संस्कृति में ऐसा क्या है, जिसे देख कर दुनिया वाह करे? क्या कोई नया एमएफ हुसैन या सैयद हैदर रजा तैयार हुआ है? क्या कोई पंडित भीमसेन जोशी, कुमार गंधर्व और बिस्मिल्ला खां देश में तैयार हुए हैं? आजादी से पहले या उससे ठीक बाद जन्मे कला व संस्कृति के महान लोग चले गए और देश बौनों को महान बनाने में जुटा है। कला और संस्कृति के लिए जिस तपस्या, साधना और प्रतिबद्धता की जरूरत है वह दिख नहीं रही है। साहित्य के नाम पर क्या लिखा जा रहा है वह...