Delhi borders
दिल्ली सीमा पर कृषि-सुधार कानून विरोधी आंदोलन को ढाई माह से ऊपर हो गया है। यह कब समाप्त होगा- कहना कठिन है। किंतु इस आंदोलन में कुछ सच्चाइयां छिपी है, जिससे हमें वास्तविक स्थिति को समझने में सहायता मिलती है।
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है ऐसे में आंदोलन को तेज और देशभर में फैलाने के लिए विभिन्न हिस्सों में महापंचायतें हो रही हैं, जिसमें राकेश टिकैत शामिल हो रहे हैं।
दिल्ली की सीमाओं पर चले रहे किसान आंदोलन का आज 78वां दिन है। इस आंदोलन की चर्चा सड़क से संसद तक हो रही है, लेकिन इसे समाप्त करने की दिशा में नई पहल फिलहाल होती नहीं दिख रही है।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं — सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों के आंदोलन का 74वां दिन है।
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन जारी है, ऐसे में गणतंत्र दिवस के बाद से बॉर्डर पर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का आना बदस्तूर जारी है।
कृषि कानूनों पर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। पुलिस की तरफ से बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
कृषि कानून को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है, ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का धरना स्थलों पर आने का सिलसिला भी जारी है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को पहली बार जवान और किसान दोनों की परेड होने वाली है। राजपथ पर देश के वीर जवानों की परेड होगी और देश की शक्ति का प्रदर्शन होगा तो दिल्ली और आसपास की सड़कों पर किसानों की परेड होगी।
कृषि कानूनों पर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। ऐसे में गाजीपुर बॉर्डर पर हजारों की संख्या में ट्रैक्टर आ चुके हैं, जो गणतंत्र दिवस पर परेड में शामिल होंगे।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन से गन्ने की कटाई व पेराई पर कोई असर नहीं पड़ा है और गुड़ का उत्पादन पिछले साल से 25 फीसदी ज्यादा हो रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों पर पिछले 52 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का धरना जारी है। लेकिन अब दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर स्थित कई पेट्रोल पंप को इस आंदोलन की मार झेलनी पड़ रही है।
कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों के आंदोलन का आज 39वां दिन है।
लगभग एक महीने से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज फिर से आश्वासन दिया है कि मोदी सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन बुधवार को 28वें दिन जारी है और सरकार से अगले दौर की वार्ता को लेकर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेता फैसला ले सकते हैं।
कारोबारियों के संगठन अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ ने दावा किया है कि दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हुए कुछ राज्यों के किसानों के आंदोलन से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में लगभग 14 हजार करोड़ रुपए का बड़ा नुक़सान हुआ है।